OTT Adda: हर वर्ष ढेर सारी फिल्में बनती हैं जो हमें हंसाती हैं, रुलाती हैं और गहरे संदेश देती हैं। नेटफ्लिक्स पर भी कई ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने हमारे दिलों में खास स्थान बनाई है और हमें सोचने पर विवश कर दिया। आइए, जानते हैं नेटफ्लिक्स की उन 5 बेहतरीन फिल्मों के बारे में जो लंबे समय तक हमारे दिलों में बसी रहेंगी।
1. लापता लेडीज– एक खोई हुई पहचान की कहानी
किरण राव की दूसरी निर्देशित फिल्म लापता लेडीज ने दर्शकों के दिलों में खास स्थान बनाई। फिल्म में दो नवविवाहिताओं की गलतियों और उनकी समस्याओं के जरिए समाज के कई बड़े मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। खासतौर पर स्त्रियों की शिक्षा, उनकी सपनों की तलाश, ग्रामीण हिंदुस्तान की वास्तविकता, और समाज का स्त्रियों के प्रति पुराना नजरिया, इन सब विषयों को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर दिखाया गया है। यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सोचने पर विवश करती है कि हम कहां जा रहे हैं।
2. टॉयलेट: एक प्रेम कथा– खुले में शौच के विरुद्ध आवाज
टॉयलेट: एक प्रेम कथा एक ऐसी फिल्म है जिसने ग्रामीण इलाकों में शौचालय की आवश्यकता पर चर्चा प्रारम्भ की। फिल्म ने समाज को यह समझाने की प्रयास की कि स्त्रियों के लिए शौचालय होना कितना जरूरी है और कैसे एक आदमी अपने प्यार के लिए सामाजिक रूढ़ियों के विरुद्ध खड़ा हो जाता है। फिल्म ने दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी और हमें यह सोचने पर विवश कर दिया कि स्वच्छता हमारी अहमियत होनी चाहिए।
3. मिमी– ममता का नया रूप
कृति सेनन की मिमी ने सरोगेसी की नयी परिभाषा दी। इस फिल्म में यह दिखाया गया कि कैसे एक महिला, जिसका बच्चा शारीरिक रूप से विकलांग होने की आसार थी, ने उसे अपनाने का निर्णय किया जबकि बाकी लोग उसे छोड़ चुके थे। फिल्म ने दर्शकों के दिलों को छू लिया और हमें यह सिखाया कि ममता केवल जैविक संबंधों पर आधारित नहीं होती। फिल्म ने अपनी सशक्त कहानी और कृति सेनन की दमदार परफॉर्मेंस के चलते राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता।
4. गंगूबाई काठियावाड़ी– एक स्त्री की लड़ाई
संजय लीला भंसाली की गंगुबाई काठियावाड़ी ने आलिया भट्ट को एक अलग ही भूमिका में पेश किया। फिल्म ने एक ऐसी स्त्री की कहानी बताई जो समाज द्वारा विश्वासघात खाकर एक कोठे पर बेच दी जाती है, लेकिन फिर वह अपने अधिकार के लिए लड़ती है। आलिया भट्ट का भूमिका दर्शकों के दिलों में बस गया और यह फिल्म हमें यह सिखाती है कि किसी भी आदमी को कभी हार नहीं माननी चाहिए।
5. ए वेडनेसडे – आम आदमी की ताकत
नीरज पांडे की ए वेडनेसडे एक ऐसी फिल्म है जो आम आदमी की ताकत को दर्शाती है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक आम आदमी अपने गुस्से और हताशा के चलते कुछ ऐसा कर जाता है जो गवर्नमेंट तक को झकझोर देता है। एक रिटायर हो रहे पुलिस अधिकारी की कहानी, जिसने अपने करियर के सबसे दंग करने वाले दिन को कभी नहीं भुलाया। यह फिल्म हमें यह सिखाती है कि समाज को सुधारने की जिम्मेदारी हम सभी की है।