Economic Survey 2025 : बजट 2025-26 से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को राष्ट्र का आर्थिक सर्वेक्षण (economic survey) संसद में पेश किया गया। इस आर्थिक सर्वेक्षण में राष्ट्र की हालात और दिशा के बारे विस्तार से कहा गया है। आर्थिक सर्वेक्षण का डॉक्यूमेंट्स राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर वित्तमंत्रालय का दृष्टिकोण है। आर्थिक सर्वेक्षण पिछले वित्तीय साल में राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में हुए विकास की समीक्षा करता है। यह गवर्नमेंट द्वारा संचालित प्रमुख विकास कार्यक्रमों का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत करता है।
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण और इसकी आवश्यकता क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण वह डॉक्यूमेंट्स है, जिसके जरिए राष्ट्र की गवर्नमेंट संसद को यह बताती है कि राष्ट्र के सामने किस तरह की वित्तीय चुनौतियां हैं और उनसे मुकाबले के लिए गवर्नमेंट के पास योजनाएं क्या हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था का ट्रेंड भी कहा जाता है, यानी राष्ट्र में उत्पादन, वितरण और वस्तुओं की खपत का क्षेत्र क्या है। राष्ट्र का बजट बनाते समय जब नीतिगत फैसला लिए जाते हैं, तो आर्थिक सर्वेक्षण उसमें बहुत सहायता करता है। इस सर्वेक्षण से यह पता किया जा सकता है कि राष्ट्र के सामने जो चुनौतियां हैं उससे कैसे निपटा जाए और किस सेक्टर्स में कितने पैसे दिए जाएं। आर्थिक सर्वेक्षण जो ट्रेंड बताता है, उसके आधार पर राष्ट्र की भावी नीति बनाई जाती है। आर्थिक सर्वेक्षण जीडीपी, विकास दर, मुद्रास्फीति, रोजगार और अन्य रुझानों पर अपने विचार भी देता है, जिसकी सहायता से भविष्य की योजनाएं बनाईं जाती हैं।
भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण कब पेश किया गया था?
भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। उस समय आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय बजट का ही हिस्सा होता था। केंद्रीय वित्तमंत्री जॉन मथाई ने राष्ट्र का बजट प्रस्तुत किया था और उसमें उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण को भी शामिल किया था। उस सर्वेक्षण में यह कहा गया था कि राष्ट्र का विकास कितना हुआ है। सर्वेक्षण में गवर्नमेंट की नामाकियों की भी चर्चा थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि पाक के साथ 1948-49 में 117 करोड़ का आयात किया गया था और 83 करोड़ निर्यात किया गया था। 1964 से आर्थिक सर्वेक्षण बजट से अलग पेश किया जाने लगा।
कौन तैयार करता है आर्थिक सर्वेक्षण
देश का आर्थिक सर्वेक्षण वित्तमंत्री संसद में प्रस्तुत करते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का डॉक्यूमेंट्स है और इसे हिंदुस्तान के मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है। वर्तमान में मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व में तैयार किया गया है। 2025 के आर्थिक सर्वेक्षण में राष्ट्र की तमाम योजनाओं की डेवलपमेंट रिपोर्ट होगी और बजट की रूपरेखा भी काफी हद तक इसपर ही आधारित होगी। 2024-25 का बजट विकसित हिंदुस्तान की संकल्पना पर आधारित था और इसमें राष्ट्र के चार वर्गों पर फोकस किया गया था, जो इस प्रकार हैं-
- किसान
- महिलाएं
- युवा
- गरीब
पहला आर्थिक सर्वेक्षण कब पेश किया गया था?
भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। उस समय आर्थिक सर्वेक्षण बजट का ही हिस्सा होता था। 1964 से इसे अलग पेश किया जाने लगा।
कब पेश किया जाता है आर्थिक सर्वेक्षण
बजट से एक दिन पहले संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है।