भगवान विष्णु को समर्पित कार्तिक का पवित्र महीना आज से शुरुआत हो चुका है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि इस महीने में श्रीहरि और उनको सबसे प्रिय तुलसी की पूजा का महत्व है. बोला जाता है एक माह तक भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन और तुलसी के निमित्त दीपदान करने से मनचाहा फल मिलता है. बोला जाता है कार्तिक मास भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा समय होता है. इन दिनों में मां लक्ष्मी और नारायण की पूजा करने वाले जातकों के धन में वृद्धि होती है.
ऐसी भी मान्यता है कि कलयुग में कार्तिक मास धर्म, अर्थ, कार्य और मोक्ष को देने वाला है. जी दरअसल कार्तिक मास को भगवान विष्णु और विष्णुतीर्थ के समान ही श्रेष्ठ और दुर्लभ बोला गया है और इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि पुलस्त्य ऋषि का बोलना है कि स्नान के बिना न तो शरीर निर्मल होता है और न ही बुद्धि. इस माह में सूर्योदय से पूर्व ही पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान करना चाहिए. वहीं स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को श्रेष्ठ माना गया है. इसी के साथ ही सभी पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों पर भी स्नान शुभ रहता है. वहीं यदि आप इन स्थानों पर नहीं जा सकते, तो इनका स्मरण करने से भी फायदा होता है. आपको यह भी बता दें कि कार्तिक मास में तुलसी पूजा विशेष फलकारी मानी जाती है.
कहा जाता है कि तुलसी पूजन से यमदूतों के डर से मुक्ति मिलती है. इसी के साथ ऐसी भी मान्यता है कि कार्तिक मास में एक माह तक लगातार दीपदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं शालीग्राम के रूप में भगवान विष्णु और तुलसी का शादी भी इसी महीने कराया जाता है. कहते हैं जिस घर में तुलसी जी होती हैं ऐसे घर में यमदूत प्रवेश नहीं करते.