रूस ने भारत को राइफलों की पहली खेप सौंप दी है। ये राइफलें रेडी टू यूज पोजिशन में भारत को सौंपी गई हैं। जल्द ही इन राइफलों को एलओसी, एलएसी और जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी कार्रवाईयों में जुटे जवानों को सौंप दिया जाएगा। अभी तक यह नहीं बताया गया है कि रूस ने पहले बैच में भारत को कितनी एके-203 राइफलें सौंपी हैं। भारत और रूस के बीच पिछले साल तत्काल जरूरत के लिए 70000 एके-203 राइफलों की खरीद पर समझौता हुआ था। ये सभी राइफलें रूस से बनकर भारत आएंगी। इसके अलावा पिछले साल
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर 600000 एके-203 राइफलों की एक डील भी फाइनल हुई थी। ये सभी राइफलें भारत में बनाई जाएंगी। रूसी न्यूज एजेंसी स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट डील के तहत तय समय के अनुसार रेडी-टू-यूज एके-203 राइफल्स की डिलीवरी की गई है। यह भी बताया गया है कि हथियारों की डिलीवरी 19 अगस्त 2021 को भारतीय रक्षा मंत्रालय और इंडो-रूसी प्राइवेट लिमिटेड (IRPL) के बीच हस्ताक्षरित एक सौदे का हिस्सा है। इंडो-रूसी प्राइवेट लिमिटेड एक संयुक्त उपक्रम है, जिसे 2019 की शुरुआत में भारतीय सेना के लिए लाइसेंस के तहत 601427 राइफलों के निर्माण के लिए बनाया गया था।
इंसास राइफल की जगह लेगी एके-203
तीन दशक पहले रक्षा बलों को दिए गए इंसास राइफल की जगह लेगी। एके-203 7.62 X 39 मिलीमीटर कैलिबर गन है। यह असॉल्ट राइफल्स 300 मीटर की प्रभावी रेंज के साथ, हल्के वजन, मजबूत और बेहतरीन टेक्नोलॉजी से लैस है। आधुनिक असॉल्ट राइफल्स का उपयोग करने में आसान हैं। यह वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का आसानी से सामना करने के साथ-साथ सैनिकों की युद्ध क्षमता को बढ़ाएंगे। वे काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन में भारतीय सेना की प्रभावशीलता को बढ़ाएंगे।
इंसास से कई मायनों में बेहतर है एके-203
एके-203 इंसास के मामले में काफी छोटी, हल्की और आधुनिक है। बिना मैगजीन के इंसास का वजन 4.15 किलोग्राम होता है। वहीं, बिना मैगजीन के एके-203 का वजन 3.8 किलो होती है। इंसास की लेंथ 960 मिलीमीटर और एके-203 की 705 मिलीमीटर है। इस कारण इसे खतरनाक बंदूक माना जाता है। एके-203 में 7.62×39 मिलीमीटर की गोली का इस्तेमाल होता है। इंसास में 5.56×45 मिलीमीटर है।
एक मिनट में 600 राउंड करेगा फायर
कैलिबर के मामले में यह राइफल काफी खतरनाक है। एके-203 राइफल का इस्तेमाल ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। एके-203 की रेंज करीब 800 मीटर और मैगजीन 30 राउंड तक है। एके-203 में प्रति मिनट 600 बुलेट फायर किया जा सकता है।