चीन (China) में कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी धांधलियों का भंडाफोड़ किया जा रहा है। इस क्रम में फर्जी कोरोना वायरस वैक्सीन के प्रोडक्शन और इसके वितरण को लेकर दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 21 वैक्सीन संबंधित मामलों में बुधवार तक चीन में 70 संदिग्धों को अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें से अधिकतर मामलों की शुरुआत वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही हो गई थी। शिन्हुआ न्यूज के अनुसार, फर्जी वैक्सीन के 58 हजार खुराक में सलाइन सॉल्यूशन या मिनरल वॉटर भरकर ग्रुप ने 18 मिलियन युआन यानि 2.8 मिलियन डॉलर तक की कमाई की।
कोविड-19 वैक्सीन फर्जीवाड़ा
वैक्सीन को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े के तहत फर्जी वैक्सीन को अधिक कीमत में बेचा जा रहा है। इसमें अस्पताल में चलाई जा रही इमरजेंसी टीकाकरण भी शामिल है साथ ही दूसरे देशों में वैक्सीन की स्मगलिंग के जरिए भी गोरखधंधा जारी है। गत मंगलवार को चीन के 40.52 मिलियन वैक्सीन के डोज लगा दिए गए थे। यहां सख्त लॉकडाउन में टेस्टिंग और ट्रेसिंग की प्रक्रिया को अपनाकर कोरोना वायरस महामारी पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है।
11 मार्च को कोविड-19 महामारी
11 मार्च को कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया था। वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत हुई थी जिससे अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ 87 लाख से अधिक हो चुका है। इससे अब तक 23 लाख 90 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) ने जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम चीन के वुहान (Wuhan) गए थे ताकि महामारी की शुरुआत का पता चल सके। हालांकि संगठन ने कहा कि इस थ्योरी को अभी खारिज नहीं किया गया है कि कोरोना वायरस वुहान की लैबरेटरी से निकला था।