बीते दिनों पंजाब कांग्रेस में हुए बड़े बदलाव के बाद अब मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इस बात के संकेत खुद सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) ने दिए हैं। दरअसल, शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वह जल्द ही कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनियां गांधी से मुलाकात करेंगे और पंजाब मंत्रिमंडल के फेरबदल को लेकर भी चर्चा करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरान पंजाब कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेंगे। वहीं, सीएम अमरिंदर के इस बयान के बाद पार्टी में हलचल बढ़ गई है।
अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल में होने वाला फेरबदल काफी अहम होगा। इसके अलावा एक और मायने में यह फेरबदल काफी अहम साबित होगा। दरअसल, कैप्टन मंत्रिमंडल के कुछ मंत्री सिद्धू का साथ दे रहे हैं तो वहीं कैप्टन समर्थक मंत्रियों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में मंत्रिमंडल में फेरबदल होने से सिद्धू खेमे में शामिल मंत्रियों का पत्ता काटा जा सकता है या फिर उनकी सशक्त विभागों से छंटनी हो सकती है।
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से पार्टी के कई वरिष्ठ विधायकों ने उनसे नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी थी, ताकि उन्हें मंत्री की कुर्सी मिल सके, लेकिन अब मंत्रिमंडल में फेरबदल होने के एलान के बाद ऐसे विधायक वापस कैप्टन खेमे में लौट सकते हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया) मैं सरकार चलाऊंगा, सिद्धू पार्टी- कैप्टन अमरिंदर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी साफ कर दिया है कि वो सरकार चलाएंगे, जबकि सिद्धू के हाथों में पार्टी की बागडोर होगा। अब इस बात के दो मतलब निकाले जा रहे हैं। अमरिंदर सिहं का यह कहा जाना इस बात की ओर भी इशारा हो सकता है कि भले ही पार्टी आलाकमान द्वारा सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया हो, लेकिन वे अपनी सरकार में सिद्धू को दखलअंदाजी नहीं करने देंगे और सरकार संबंधी सभी फैसले स्वयं लेगें। इसके अलावा एक ओर अर्थ निकाला जा रहा है कि अब पंजाब में कांग्रेस दो धड़ों (सिद्धू-कैप्टन) में बंट गई है।