मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर, सियासी पार्टियों और नेताओं की गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं. ऑल इण्डिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी चुनावी मैदान में अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बनाई है. उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी मजबूती के साथ महाराष्ट्र का चुनाव लड़ेगी. ओवैसी ने कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं से वार्ता की थी, लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
ओवैसी ने बोला कि उनकी पार्टी चुनाव में सक्रियता से भाग लेगी और उन्हें विश्वास है कि जनता बीजेपी (बीजेपी) और एकनाथ शिंदे की गवर्नमेंट को दोबारा सत्ता में नहीं आने देगी. उन्होंने यह भी बोला कि AIMIM ने महा विकास अघाड़ी (MVA) को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने योगदान का प्रस्ताव दिया था, लेकिन MVA की तरफ से कोई उत्तर नहीं आया. अब यह महा विकास अघाड़ी पर निर्भर करता है कि वे गठबंधन को लेकर क्या फैसला लेते हैं. उन्होंने साफ किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी की सियासी पहुँच मजबूत है और पिछले तीन-चार दिनों में उनके प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने मराठा आंदोलन के नेता जरांगे पाटिल से भी मुलाकात की है. ओवैसी ने यह भी बोला कि AIMIM ने महाराष्ट्र में पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है और और भी उम्मीदवारों से चर्चा चल रही है. उनका उद्देश्य विधायकों की संख्या बढ़ाना है और इस बार भी चुनाव में अपनी मजबूती को प्रदर्शित करना है.
इस बीच, ओवैसी के प्रस्ताव पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया दी है. जब उनसे पूछा गया कि क्या महा विकास अघाड़ी भाजपा को रोकने के लिए ओवैसी की पार्टी से गठबंधन करेगी, तो उन्होंने बोला कि यदि पार्टी में कोई प्रस्ताव आया तो उस पर चर्चा की जाएगी. इस प्रकार, ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक्टिव हैं, जबकि महा विकास अघाड़ी के संभावित योगदान पर अभी विचार जारी है. चुनावी माहौल में सभी पार्टियों के बीच तर्क और रणनीतियाँ विकसित हो रही हैं, जिससे आने वाले चुनावों में दिलचस्पी बढ़ गई है.