कर्नाटक में विपक्षी बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाते हुए सोमवार को ठेकेदार की खुदकुशी मुद्दे की जांच CBI से कराने की मांग की. साथ ही बीजेपी ने कर्नाटक गवर्नमेंट के मंत्री प्रियांक खरगे के इस्तीफे की मांग भी दोहराई. पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे जनवरी में कलबुर्गी में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास का घेराव करेंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा, ‘खरगे परिवार बहुत ताकतवर है और राज्य पुलिस उनकी जांच ठीक ढंग से नहीं कर सकती. ऐसे में निष्पक्ष जांच की कोई आसार नहीं है. इसलिए मुद्दे को CBI को सौंप दिया जाना चाहिए.‘
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि सिविल ठेकेदार सचिन पांचाल ने 26 दिसंबर को बीदर जिले में चलती ट्रेन के आगे लेटकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी. सचिन पांचाल ने अपने सुसाइड नोट में प्रियांक खरगे के करीबी सहयोगी राजू कपानुर पर उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने का इल्जाम लगाया. ठेकेदार ने इल्जाम लगाया कि उन्हें कपानुर को एक करोड़ रुपये देने के लिए जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. हालांकि कपानुर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. वहीं प्रियांक खरगे ने भी बोला कि इस मुद्दे में उनकी कोई किरदार नहीं है. सुसाइड नोट में भी उनका नाम नहीं है. उन्होंने भी मुद्दे की जांच की मांग की, ताकि सच्चाई सामने आ सके.
भाजपा का आरोप- खरगे परिवार के विरुद्ध निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती पुलिस
विजयेंद्र ने बोला कि कलबुर्गी जिले और उसके आसपास का पूरा पुलिस महकमा खरगे परिवार के दबाव में है. उन्होंने कहा, ‘बिना किसी देरी के सीएम सिद्धारमैया को प्रियांक खरगे का त्याग-पत्र ले लेना चाहिए. हमारा दूसरा निवेदन है कि मुद्दे को CBI को सौंप दिया जाना चाहिए.‘ विजयेंद्र ने यह भी मांग की कि पांचाल परिवार को सुरक्षा दी जाए और एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए. बीजेपी ने पांचाल के परिवार के एक सदस्य को सरकारी जॉब देने की भी मांग की. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने बोला कि उनकी पार्टी 3 जनवरी तक प्रतीक्षा करेगी कि सीएम CBI जांच का आदेश देते हैं या नहीं. उन्होंने कहा, यदि मुख्यमंत्री CBI जांच का आदेश नहीं देते हैं तो बीजेपी 4 जनवरी को कलबुर्गी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी और खरगे के घर का घेराव भी करेंगे.‘
विजयेंद्र ने बोला कि सचिन पांचाल के सुसाइड नोट में एक और जरूरी पहलू का उल्लेख है कि विधायक बसवराज मट्टीमुद, बीजेपी नेता चंद्रू पाटिल, मणिकांत राठौड़ और एक संत सिद्धलिंग स्वामी को भी मारने की षड्यंत्र रची जा रही थी. इसके लिए महाराष्ट्र से हत्यारे बुलाए गए थे. यह एक गंभीर मुद्दा है.