नई दिल्ली: जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव निकट आ रहे हैं, सियासी हलचल तेज हो रही है. हर नेता अपनी रणनीति तैयार करने में जुटा है. इस बीच, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का सहारा लिया है.
दरअसल, बीते दिनों राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के कुछ अंशों को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है. देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और विपक्ष इसे संविधान और बाबा साहेब का अपमान बता रहा है. इस मामले को भुनाने में अब आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री कर ली है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, “मुझे शक्ति दीजिए बाबा साहेब, ताकि मैं उनसे लड़ सकूं जो आपका और आपके संविधान का अपमान करते हैं.“
इस बयान के जरिए केजरीवाल ने स्वयं को संविधान का रक्षक और बाबा साहेब का अनुयायी दिखाने की प्रयास की है. लेकिन प्रश्न उठता है कि यह राजनीति में एक नयी आरंभ है या फिर चुनावी गणित का हिस्सा? दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखें निकट हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल का यह वीडियो यह संकेत देता है कि वे संविधान बचाओ की लड़ाई को भुनाने की प्रयास कर रहे हैं. यह वही केजरीवाल हैं, जो पहले धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करते थे, लेकिन अब बाबा साहेब के नाम पर जनता की सहानुभूति पाने की प्रयास कर रहे हैं.
इससे पहले विपक्ष इस मामले पर केंद्र गवर्नमेंट को घेरने की प्रयास कर रहा था. अब अरविंद केजरीवाल भी इस लड़ाई में कूद गए हैं. लेकिन प्रश्न यह है कि क्या केजरीवाल की यह चाल उन्हें सत्ता बचाने में सहायता करेगी? या यह सिर्फ़ एक चुनावी जुमला बनकर रह जाएगा? दिल्ली की राजनीति में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का नाम हमेशा से अहम रहा है. कई दल उनकी विरासत को अपनाने का दावा करते रहे हैं. लेकिन क्या अरविंद केजरीवाल का यह कदम उन्हें फिर से सत्ता दिला पाएगा?
ये तो चुनावी नतीजे ही तय करेंगे कि जनता बाबा साहेब के नाम पर केजरीवाल को वोट देती है या नहीं. फिलहाल, केजरीवाल ने विपक्ष की रणनीति को अपनाते हुए संविधान बचाने की लड़ाई का हिस्सा बनने का दावा किया है.