दिल्ली कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने अरविंद केजरीवाल को लेकर आप द्वारा किए जा रहे दावे पर प्रश्न खड़े किए है. दिल्ली के मंत्री और आप नेता कैलाश गहलोत द्वारा स्वयं की तुलना भगवान हनुमान और अरविंद केजरीवाल की भगवान राम से करने पर पलटवार किया गया है. देवेन्द्र यादव ने बोला कि अजीब खेल चल रहा है. उन्होंने बोला कि मुझे दुख है कि करप्शन के इल्जाम में कारावास में बंद आदमी की तुलना भगवान राम से कैसे की जा सकती है. इससे न सिर्फ़ हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि यह लोगों को गुमराह करने का भी कोशिश है.‘ यह निंदनीय है.
देवेन्द्र यादव ने बोला कि आप को इस पर अफसोस करना चाहिए और इसके बजाय अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए.‘ दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत ने बोला कि अरविंद केजरीवाल का हनुमान बनकर मेरी अहमियत सभी लंबित कार्यों को पूरा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि अरविंद केजरीवाल फिर से दिल्ली के सीएम बनें…इसमें कुछ भी गलत नहीं है. मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली छोड़ते हुए आतिशी के फैसला पर उन्होंने बोला कि इसका मतलब यह है कि जब भगवान राम 14 वर्ष के लिए वनवास गए और भरत को कमान संभालनी पड़ी, तो यह भी गलत था, जिसका मतलब है कि भाजपा भगवान राम के विरुद्ध है. बड़ों का सम्मान करना भारतीय परंपरा का हिस्सा है…इसमें कुछ भी गलत नहीं है.‘
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने सोमवार को दिल्ली की आठवीं सीएम का प्रभार संभाल लिया था. उन्होंने शनिवार को सीएम पद की शपथ ली थी. अब दिल्ली विधानसभा का सत्र 26 और 27 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. आतिशी ने केजरीवाल गवर्नमेंट में उनके पास रहे 13 विभागों का प्रभार अपने पास रखा है जिनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी शामिल हैं. उन्होंने प्रभार संभालने के बाद कहा, ‘‘मैं दिल्ली के सीएम के रूप में चार महीने तक उसी तरह काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर काम किया था. अरविंद केजरीवाल ने त्याग-पत्र देकर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है. बीजेपी ने उनकी छवि बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.