आज प्रधानमंत्री मोदी ने PMRBP पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए डिजिटल प्रमाण पत्र विजेताओं को प्रदान प्रदान। ये पहली बार है जब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं। ये प्रमाणपत्र 2021 और 2022 के लिए PMRBP पुरस्कार विजेताओं को दिए गए हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेता बच्चों की स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए इस वर्ष ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेताओं को प्रधानमंत्री मोदी ने
प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस टेक्नोलॉजी के द्वारा जारी किया जाने वाला प्रमाणपत्र पूरी तरह से सुरक्षित है। ये अनूठा प्रयास प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में काफी अहम है। इस दौरान पीएम मोदी ने देश के सभी बच्चों से वोकल फॉर लोकल में सहयोग करने के लिए मदद मांगी।
पीएम मोदी ने बच्चों से क्या मदद मांगी?
पीएम मोदी ने बच्चों से संवाद करने के बाद उनसे वोकल फॉर लोकल के लिए आगे आने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जैसे अपने स्वच्छता अभियान को सफल बनाया अब वोकल फॉर लोकल के लिए आगे आयें। आप आगे आएंगे तो आपका परिवार भी आपका साथ देगा। इससे देश में रोजगार बढ़ेगा और मैक इन इंडिया को बढ़ावा मिला है। पीएम मोदी ने कहा देश में बने प्रोडक्टस के लिए आवाज बनें और इसे अभियान को सफल बनाने में मदद करें।
पीएम मोदी ने बच्चों से क्या किया संवाद ?
सबसे पहले पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता, मध्य प्रदेश के मास्टर अवि शर्मा से संवाद शुरू किया। अवि शर्मा को पीएम मोदी ने कहा, आप लेखक भी, व्याख्यान भी देते हैं, बाल मुखी रामायण भी लिखी हैं। इतना सारा काम आप कैसे कर पाते हैं। बचपन बचा है या वो भी चला गया।
इसके बाद अवि शर्मा ने इसके पीछे का कारण भगवान राम, अपने परिजन और मित्रों को श्रेय दिया। इसके साथ ही बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब रामायण को देखा तो मैंने प्रेरित होकर आज के बच्चों के लिए लिखा है।
इस दौरान अवि शर्मा ने रामायण के कुछ छंद भी प्रधानमंत्री मोदी को भी सुनाया। इस दौरान मध्य प्रदेश की मिट्टी की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने उमा भारती का उदाहरण दिया।
गर्ल्स चाइल्ड डे के लिए दी बधाई
इसके बाद पीएम मोदी ने कर्नाटक से कुमारी रमोना एवेट परेरा (Kumari Remona Evette Pereira) से संवाद किया। पीएम मोदी ने गर्ल्स चाइल्ड डे के अवसर पर रमोना और देशभर की बेटियों को बधाई दी।
उन्होंने फिर कहा, आपने तीन वर्ष की आयु से नृत्य की प्रैक्टिस की। अपने लगातार कैसे खुद को प्रेरित किया? क्या घर लोग दबाव बनाते थे? या खुद के मन में इच्छा होती थी। परेरा ने बताया कि उन्होंने अपनी माता के जरिए इसे सीखा और बताया कैसे उनकी माँ भारतीय संस्कृति से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने परेरा को पूरा सपोर्ट किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने अन्य और बच्चों से भी संवाद किया। इसके बाद पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज नैशनल गर्ल्स चाइल्ड डे है और मैं सभी को इसके लिए बधाई देता हूँ। आपके माता-पिता और परिवार के समर्थन के लिए बधाई देता हूँ।
अपेक्षाओं से लें प्रेरणा
पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी अपेक्षाओं को दबाव में न लें बल्कि उससे प्रेरणा लें। पीएम मोदी ने इस दौरान इतिहास के कुछ सेनानियों का उदाहरण भी दिया। पीएम मोदी ने युवाओं को अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करने और नए दौर को लीड करने कि नसीहत भी दी।
किस आधार पर चुने जाते हैं विजेता?
बता दें कि महिला और बाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया था। इसका उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा को सराहना और उत्साह भरने का था। ये वो बच्चे हैं जिन्होंने आसानी को भूलकर साहस को चुना है। इन बच्चों को अपनी नई सोच से नया कुछ बुना और नई ऊंचाई के लिए नया रास्ता चुना।
बाल पुरस्कार नवाचार, वीरता, शैक्षिक उपलब्धि, समाज सेवा, कला और संस्कृति, और खेल जैसी 6 श्रेणियों में बच्चों की उत्कृष्ट प्रतिभा के लिए दिया जाता है।
क्या मिलता है इनाम?
5 से 18 साल के विजेता बच्चों को दिए जाने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार में एक मेडल, एक लाख रुपए और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।