भारतीय वायु सेना ने आठ दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे की, तीनों सेनाओं द्वारा की गई जांच के निष्कर्षों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बुधवार को अवगत कराया।
इस घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मौत हो गई थी।
इस घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने बताया कि जांच दल ने रूस में बने एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के संबंध में अपनी जांच पूरी कर ली है। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर में किसी तकनीकी खामी के कारण यह हादसा नहीं हुआ था, लेकिन इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इस हादसे की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का नेतृत्व किया है।
तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे।
ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस दल ने मानवीय त्रुटि या हेलीकॉप्टर के उतरने की तैयारी करते समय चालक दल के सदस्य के ध्यान भटकने की संभावना समेत दुर्घटना के सभी संभावित पहलुओं की समीक्षा की है। एयर मार्शल सिंह को हवाई दुर्घटना के मामलों की जांच करने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ जांचकर्ताओं में से एक जाना जाता है। वह वर्तमान में भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान का नेतृत्व कर रहे है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरू में हैं।