RG Kar Case : आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता के मुद्दे की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने न्यायालय में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की है। शुक्रवार केंद्रीय जांच एजेंसी ने अलीपुर न्यायालय स्थित स्पेशल CBI न्यायालय में आरजी कर मेडिकल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत पांच लोगों के विरुद्ध चार्जशीट पेश किया। अन्य आरोपियों में आशीष पांडेय,मेडिकल सामानों का आपूर्तिकर्ता विप्लव सिंह, सुमन हाजरा और घोष के पूर्व सुरक्षा कर्मी अधिकारी अली खान भी शामिल हैं। उनके विरुद्ध साजिश, फर्जीवाड़ा और करप्शन के इल्जाम लगाये गये हैं।
चार्जशीट करीब 87 दिनों के बाद किया गया पेश
चार्जशीट CBI की जांच के करीब 87 दिनों के बाद पेश किया गया है। करीब 125 पन्नों की चार्जशीट के साथ लगभग 1500 पेज के डॉक्यूमेंट्स भी न्यायालय को सौंपे गये हैं। 110 लोगों को गवाह के तौर पर भी दिखाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, मुद्दे की मुख्य आरोपी माने जाने वाला घोष किस तरह अपने असर का इस्तेमाल कर गैरकानूनी ढंग से अपने सहयोगियों को टेंडर दिलवाने में सहायता करता था, इसका जिक्र चार्जशीट में किया गया है। यह भी कहा गया है कि आरोपियों ने अपनी संपत्ति कैसे बढ़ायी।
अस्पताल में तीन वर्ष से अधिक समय से हो रहा है वित्तीय भ्रष्टाचार
सीबीआई ने न्यायालय में यह भी कहा कि मुद्दे की जांच में हॉस्पिटल और आरोपियों के लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड सहित कम से कम 18 डिजिटल उपकरणों की ‘क्लोन’ की गयी है। इनकी जांच जारी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आसार जतायी है कि उन उपकरणों में उपस्थित दस्तावेजों से अहम जानकारियां मिल सकती हैं। इल्जाम है कि हॉस्पिटल में तीन वर्ष से अधिक समय से वित्तीय करप्शन चल रहा है। आरजी द्वारा मेडिकल उपकरण खरीदने के नाम पर कई बार टेंडर में गड़बड़ी की गयी।