Cabinet formation in Sri Lanka: श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायका (Anura Kumara Disanayaka) ने सोमवार को अपनी नयी गवर्नमेंट में 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति की. उन्होंने शासन प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और करदाताओं पर बोझ कम करने के उनके चुनाव पूर्व किए गए वादे को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में कम सदस्यों को ही स्थान दी है.
श्रीलंका की सत्ता में आई दिसानायके की नेशनल पीपुल्स पॉवर (एनपीपी) जनता के लिए लागत कम करने के वास्ते एक लघु गवर्नमेंट की वकालत करती रही है. सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से, गवर्नमेंट राष्ट्रपति सहित केवल 3 मंत्रियों के साथ काम कर रही थी. श्रीलंका के संविधान के मुताबिक 30 सदस्यीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति का प्रावधान है.
दिसानायका ने वित्त और रक्षा विभागों को अपने पास ही रखा : दिसानायका ने वित्त और रक्षा विभागों को अपने पास ही रखा है जबकि 12 नए संसद सदस्यों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया. उन्होंने साल 2000 से सेवाएं दे रहे 8 अनुभवी सदस्यों को भी जरूरी जिम्मेदारियां सौंपी हैं. कैबिनेट में नए चेहरों में 5 प्रोफेसर भी हैं.
कैबिनेट में 2 स्त्री सदस्य हैं : कैबिनेट में 2 स्त्री सदस्य हैं जिनमें पीएम हरिनी अमरसूर्या के पास शिक्षा विभाग है और सरोजा सावित्री पॉलराज के पास स्त्री और बाल मामलों के विभाग की जिम्मेदारी है. सिंहला बहुल दक्षिण से अल्पसंख्यक तमिल पॉलराज पार्टी के लंबे संघर्ष में शामिल रही हैं. शपथ ग्रहण कार्यक्रम की कुछ खास बातों में मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखरन का तमिल में शपथ लेना शामिल है, जो नयी गवर्नमेंट में अल्पसंख्यक समुदाय के अगुवाई पर प्रकाश डालता है.
नई संसद की पहली बैठक गुरुवार को होगी : नई संसद की पहली बैठक गुरुवार को होगी. दिसानायके के नेतृत्व वाली एनपीपी ने गुरुवार को हुए संसदीय चुनावों में दो-तिहाई बहुमत हासिल करके जीत दर्ज की. इसने जाफना निर्वाचन क्षेत्र में भी अपना दबदबा बनाया जो राष्ट्र के तमिल अल्पसंख्यकों का गढ़ है. एनपीपी ने 225 सदस्यीय विधानसभा में 159 सीटों में से 2 तिहाई बहुमत के साथ लगभग 62 फीसदी वोट हासिल किए.
नए मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए दिसानायके ने बोला कि हमें दी गई बड़ी शक्ति का हम दुरुपयोग नहीं करेंगे, इसमें कोई शक नहीं है. हमें विश्वास है कि आप इस बात को कायम रखेंगे कि शक्ति की सीमाएं होंगी. दिसानायके ने बोला कि संसद और मंत्रिमंडल में नए होने के बावजूद उनके अधिकांश सदस्य राजनीति में नए नहीं हैं.
उन्होंने बोला कि सत्ता हासिल करने के लिए दशकों तक आपने हमारी लड़ाई में कड़ी मेहनत की है. चुनाव से पहले हमें हमारे ठीक सियासी नारों और सियासी रास्ते के आधार पर आंका गया था. लेकिन अब से हमें इस आधार पर आंका जाएगा कि हम अपने नारों के प्रति कितने सच्चे हैं.