Afganistan Pakistan Border Clash: पूरे मिडिल ईस्ट में जंग से तबाही मची हुई है. वहीं दूसरी ओर एक और स्थान पर बड़े विवाद के आसार देखने को मिल रहे हैं. दो राष्ट्रों के बीच कभी भी बड़ी जंग देखने को मिल सकती है. यह राष्ट्र हैं अफगानिस्तान और पाकिस्तान. दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव चरम पर है. बुधवार को पाक ने अफगानिस्तान की सीमा पर बड़ी कार्रवाई की. सीमा पर एयर हड़ताल की गई. इसमें कई महिलाएं और बच्चे मारे गए. इस हमले को लेकर अफगानिस्तान आगबबूला है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसका बदला लेने के लिए तालिबान के करीब 15 हजार लड़ाकों की फौज पाक की ओर बढ़ रही है.
आर-पार का मन बना लिया
ऐसे बोला जा रहा है कि अफगानिस्तानी तालिबान ने आर-पार का मन बना लिया है. आपको बता दें कि मंगलवार को अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में पाक की सेना ने एयरस्ट्राइक की. इसमें 46 लोगों की मृत्यु हो गई. अब अफगानिस्तान तालिबान ने पाक की कार्रवाई का उत्तर देने की तैयारी कर ली है. करीब 15 हजार तालिबानी लड़ाके काबुल, कंधार और हेरात से निकले हैं. वे खैबर पख्तूनख्वा के मीर अली बॉर्डर की ओर बढ़ते दिख रहे हैं. तालिबान के प्रवक्ता के अनुसार, पाक को उसकी कार्रवाई पर वाजिब उत्तर दिए जाने की तैयारी है.
क्यों बढ़ा तनाव?
यह टकराव तब प्रारम्भ हुआ जब तहरीक-ए-तालिबान पाक (टीटीपी) ने वजीरिस्तान के क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों मार गिराया. इसके उत्तर में पाक ने एयरस्ट्राइक करके यह संदेश देने का कोशिश किया कि अपने सैनिकों की मर्डर पर वह चुप नहीं बैठने वाला.
अफगान तालिबान के पास इस क्षेत्र में भारी मात्रा में हथियार और दुर्गम क्षेत्रों में छिपने की क्षमता है.यहां पर उनके पास एके-47, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर जैसे आधुनिक हथियार शामिल हैं. इसके साथ तालिबानी लड़ाके उन पहाड़ों और गुफाओं से हमले कर रहे हैं, जहां पाकिस्तानी सेना के पास अधिक जानकारी नहीं है. दरअसल पाक पहले से ही कर्ज संकट से जूझ रहा है. शहबाज शरीफ गवर्नमेंट लगातार इससे उभरने का कोशिश कर रही है. इसके साथ शहबाज गवर्नमेंट बलूचिस्तान में अलगाववाद जैसे हालात से दो चार हो रही है. इन मामलों ने गवर्नमेंट की आर्थिक स्थिति को खराब कर दिया है.
तालिबान को हराना कठिन
अफगान तालिबान का लड़ाई का लंबा इतिहास रहा है. बड़ी-बड़ी सैन्य ताकते इसके आगे झुक चुकी है. अमेरिका और रूस दोनों को यहां से अपना बोरिया बिस्तर लेकर जाना पड़ा था. ऐसे में पाक के पास न तो इतनी क्षमता है कि वह युद्ध को खींच पाए. वहीं सीमा पर दुश्मनी बढ़ाकर उसने आने वाले समय में बड़ा खतरा मोल लिया है. तालिबान जब तक बदला नहीं ले लेता, तब तक वह पाक पर वार करता रहेगा.