बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट के हटने के बाद पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल करते हो रहे हैं. 18 प्रभारी ऑफिसरों के तबादले के कुछ दिनों बाद ढाका के 32 पुलिस थानों के प्रमुखों का स्थानांतरण कर दिया गया है. सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. बीडीन्यूज24 डॉट कॉम समाचार पोर्टल की समाचार के अनुसार, तबादले का आदेश रविवार आधी रात को आया. नवीनतम तबादले के साथ ही, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के भीतर आने वाले सभी 50 पुलिस थानों के प्रमुखों का स्थानांतरण कर दिया गया है. अन्य 18 प्रभारी ऑफिसरों का स्थानांतरण 13 अगस्त को किया गया था. समाचार के मुताबिक, स्थानांतरित किए गए लोगों के पास अब वह अधिकार नहीं होंगे, जो उनके पास प्रमुख के रूप में थे.
इन ऑफिसरों को राष्ट्र भर के प्रशिक्षण केंद्रों में भेजा गया है, जहां उन्हें पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने का काम सौंपा गया है. अन्य को पर्यटक पुलिस, सशस्त्र पुलिस बटालियन या औद्योगिक पुलिस में स्थानांतरित किया गया है. पांच अगस्त को शेख हसीना के पीएम पद से हटने के बाद से पुलिस में सभी स्तरों पर फेरबदल हुआ है. सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के विरुद्ध विद्यार्थियों के बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के बाद 76 वर्षीय हसीना ने पीएम पद से त्याग-पत्र दे दिया था और हिंदुस्तान चली गई थीं. इसके बाद राष्ट्र में एक अंतरिम गवर्नमेंट का गठन किया गया, और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया.
खबर के मुताबिक, 13 अगस्त को गृह मंत्रालय के सार्वजनिक सुरक्षा प्रभाग से जारी तीन भिन्न-भिन्न नोटिस में तीन अतिरिक्त आईजी सहित 51 पुलिसवालों को बदल दिया गया. शनिवार को ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के अतिरिक्त उपायुक्त और सहायक आयुक्त रैंक के 13 ऑफिसरों को शहर से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया. इसके बाद उसी दिन डीएमपी उपायुक्त के पदों पर सात अन्य ऑफिसरों को नियुक्त किया गया. रविवार को 73 पुलिस ऑफिसरों को उप महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया और उनमें से 31 को पुलिस अधीक्षक के पद से पदोन्नत किया गया, जिन्हें दोहरी पदोन्नति मिली. हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग गवर्नमेंट के पतन के बाद देशभर में भड़की अत्याचार की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए. इन्हें मिलाकर, जुलाई के मध्य में विद्यार्थियों द्वारा प्रारम्भ किए गए विरोध-प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, संघर्ष में कम से कम 44 पुलिसकर्मी मारे गए हैं.