आप तंदुरुस्त रहने के लिए रोज एक्सरसाइज करती है, हेल्दी फूड खाती है और आठ घंटे सोती है, लेकिन क्या आप सचमुच तंदुरुस्त हैं? अगर आपको लगता है कि आप तंदुरुस्त है तो ये आपकी सबसे बड़ी गल्ती होगी। महिलाएं मल्टी टॉस्किंग होती हैं, उनमें घर से लेकर ऑफिस तक में काम करने की कुव्वत होती है। घर परिवार और ऑफिस में बखूबी अपना किरदार निभाने वाली महिलाओं को अपने लिए भी वक्त निकालना जरूरी है। आप सेहतमंद रहती हैं ये अच्छी बात है, लेकिन वक्त के साथ-साथ बॉडी में कई तरह के बदलाव और परेशानियां पैदा हो सकती है, जिसका समय पर इलाज हो जाए तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है। महिलाओं को नियामित समय अंतराल पर रेगुलर कुछ चेकअप कराने की जरूरत होती है ताकि उनकी सेहत ठीक रहे। आइए जानते है कि महिलाओं को कौन से 7 मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत है, ताकि बीमारी का पता चलने पर उस का समय रहते उपचार किया जा सके।
1.पेल्विक अल्ट्रासाउंड
पोली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरी में कई सिस्ट हो जाते हैं जो बांझपन और अनियामित पीरियड का कारण बनते हैं।
इस परेशानी की वजह से अनचाहे बाल अनचाही जगह पर निकल आते हैं, वजन बढ़ने या घटने की परेशानी हो सकती है, स्किन का ऑयली होना, सिर दर्द रहने जैसी परेशानियां हो सकती है। अगर आप भी अपने में कुछ इस तरह के बदलाव महसूस कर रही हैं तो फौरन स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
2.मैमोग्राफी की जांच कराएं
हर महिला को अपनी मैमोग्राफी जांच समय पर करवानी चाहिए। यह जांच ये सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि महिला स्तन कैंसर से पीड़ित है या नहीं। आज के युग में, दुनिया में 20 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को वर्ष में एक बार अपना मैमोग्राम टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। यदि आपके स्तन में असामान्यताएं, स्तन गांठ या असामान्य निप्पल डिस्चार्ज का पता लगाता हैं, तो बस बिना किसी देरी के सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
3.पैप स्मियर टेस्ट:
इस टेस्ट के द्वारा गर्भाशय के कैंसर की जांच की जाती है। अगर समय रहते इस के बारे में पता चल जाए तो इसका उपचार आसानी से किया जा सकता है। इस में योनि में एक यंत्र स्पैक्युलम डाल कर सर्विक्स की कुछ कोशिकाओं के नमूने लिए जाते हैं। इन कोशिकाओं की जांच की जाती है कि कहीं इन में कोई असमानता तो नहीं है। इस टेस्ट को 21 वर्ष की आयु की प्रत्येक महिला को तीन साल में एक बार जरूर कराना चाहिए।
4.बोन डैंसिटी टैस्ट:
बोन डैंसिटी टैस्ट में एक विशेष प्रकार के ऐक्सरे के द्वारा स्पाइन, कलाइयों, कूल्हों की हड्डियों की डैंसिटी माप कर इनकी शक्ति का पता लगाया जाता है ताकि हड्डियों के टूटने से पहले ही उन का उपचार किया जा सके।
5.आंखों की जांच
चश्मा पहनते हैं तो हर 6 महीने बाद आंखों की जांच करवाएं। यदि आपको कोई विज़न की समस्या नहीं है, तो एक साल में किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाएं।
6.डेंटल एग्जाम कराएं
दांतों की कोई भी परेशानी नहीं हो तब भी साल में एक बार दांतों के डॉक्टर को जरूर दिखाएं। दांतों की सफाई के लिए हर 6 महीने में अपने डेंटिस्ट के पास जाएं।
7.थायराइड फंक्शन टेस्ट
थायराइड महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है जिससे महिलाओं को बाल झड़ने से लेकर वज़न बढ़ने तक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोनल परिवर्तन, रजोनिवृत्ति और गर्भावस्था के कारण महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है।