कोरोना की वजह से क्वारंटाइन कुछ लोगों के लिए कभी दिलचस्प और मज़ेदार रहा, तो कभी तनावपूर्ण भी रहा। कुछ लोगों को घर परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका मिला, तो कुछ लोगों ने इस क्वारंटाइन में कुछ नया सीखा। लेकिन देश और दुनिया में चल रहे इन हालातों से अब हम थक गए है। अब लोग इस क्वारंटाइन से घबरा गए। तनाव, डर और अनिश्चिता की स्थिति ने हमें घरे लिया है। लोगों के अपने उन्हें छोड़ कर जा रहे हैं, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी का डर, बीमार होने का डर, हर तरफ सिर्फ डर ही डर है। इस डर को विशेषज्ञों ने क्वारंटाइन फटीग का नाम दिया है। आइए जानते हैं क्वारंटाइन फटीग के लक्षण और उसका उपचार।
क्वारंटाइन फटीग के लक्षण:
मिजाज में चिड़चिड़ापन आना
अनिश्चिता रहना
हर काम के लिए चिन्तित होना
अधिक भोजन करना
कम खाना या भूख नहीं लगना
सो नहीं पाना, या कम नींद आना
ज्यादा से ज्यादा सोचना
हर चीज़ का हल निकालने में लगे रहना।
आप भी अपने में कुछ इस तरह के लक्षण मौजूद कर रहे हैं तो आप समझ जाइए कि आप क्वारंटाइन फटीग के शिकार हो गए है। कोरोनाकाल में अभी हमारे सोचने और विचारने से इस बीमारी का कोई हल नहीं निकल सकता। जब तक इस बीमारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें इसके साथ ही जीना सीखना होगा। आप भी क्वारंटाइन फटीग के शिकार है तो इससे छुटकारा पाने के लिए ये उपाय अपनाएं।
खाली है तो इसका मतलब ये नहीं कि हर वक्त मोबाइल पर या सोशल मीडिया पर गॉसिप करते रहें। आप मोबाइल का इस्तेमाल कीजिए लेकिन बीच-बीच में ब्रेक भी लीजिए।
हेल्दी डाइट लें, ताकि आप सेहतमंद रहें। खाने में उन चीजों को शामिल करें जिससे आपका इम्यून सिस्टम बूस्ट रहे।
क्वारंटाइन में है, इसका मतलब ये नहीं है कि हर वक्त सोते रहे या खाते रहे। अपनी रुटीन फिक्स करें। समय से खाएं और सोए।
आपका आशियाना आपके लिए सबसे अहम है। अपने वक्त को अपने आशियाने को सजाने में लगाएं। घर की साफ-सफाई करें। घर में बागबानी सजाएं, आपका वक्त अच्छे से गुजर जाएगा।
कोरोना की वजह से घर में ही रहकर काम कर रहे है तो बचे हुए वक्त को कुछ नया सीखने में लगाएं।
वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो ट्रेवल का टाइम बच रहा है, इसका इस्तेमाल एक्सरसाइज करने में लगाएं। मेडिटेशन करे।
खुद को सकारात्मक रखने के लिए रोचक और पॉजिटिव स्टोरी पढ़े।
आप अपने तनाव और चिंता पैदा करने वाले लक्षणों पर गौर करें, ताकि इसे मैनेज करना आसान हो।
अपने आप को किसी ना किसी काम में व्यस्त रखें, ताकि आप में नाकारात्मकता हावी नहीं हो।