नई दिल्ली। All About Dengue: गर्मी और बारिश के दिनों में डेंगू काफी तेज़ी से फैलता है। इस बीमारी में खून की प्लेटलेट्स काफी कम हो जाती हैं। कई बार ऐसा भी होता है जब मरीज को सामान्य बुखार होता है लेकिन तब भी वो डेंगू से संक्रमित पाया जा सकता है। बुखार के अलावा डेंगू में सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। इसके अलावा आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी आना, भूख ना लगना, गले में दर्द होना, मुंह का स्वाद खराब हो जाना और शरीर में रैशेज भी पड़ जाते हैं।
ऐसे में लोगों को इस बारे में पता होना चाहिए कि डेंगू कैसे फैलता है। डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं। डेंगू नामक बीमारी बरसात के दिनों और उसके बाद के महीनें में यानी जुलाई से अक्तूबर के बीच में काफी तेजी से फैलती है।
डॉ. मृदुला का कहना है कि जो शख्स डेंगू से पीड़ित होता है, उसके शरीर में काफी मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। इसके अलावा जब कोई एडीज़ मच्छर किसी डेंगू के मरीज़ को काटता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ शख्स को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है। क्योंकि मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। जिससे वह शख्स भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है।
इसके अलावा डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाले चार तरह के वायरस के कारण होता है। इनमें सभी वायरस एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) या फिर एडीज एल्बोपिक्टर (Aedes albopictus) मच्छर की प्रजातियों के जरिए फैलते हैं।
एक ज़रूरी बात यह भी है कि डेंगू वायरस में चार अलग-अलग सेरोटाइप (DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4) भी शामिल होते हैं। जो कि जीन्स फ्लेवीवायरस, फैमिली फ्लेविविरिडे (Flaviviridae) से संबंधित हैं। वैसे तो एडीज़ एजिप्टि मच्छर अफ्रीका में पैदा हुआ था लेकिन ये दुनियाभर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है।
एक ज़रूरी बात यह भी कि ये बीमारी उन इलाकों में ज्यादा तेज़ी से फैलती है, जहां अधिक मच्छर पाए जाते हैं। वहां बेशक डेंगू के कुछ कम ही मरीज़ क्यों न हों लेकिन वहां पनप रहे मच्छरों से मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी इलाके में कोई डेंगू का मरीज पाया जाता है तो वहां सरकार को जागरुकता अभियान चलाना चाहिए ताकि यह बीमारी वहां ना फैले और लोग मच्छरों से बचाव के लिए संभव उपाय कर सकें।
क्या डेंगू बुखार संक्रामक है
डॉ. मृदुला का ये भी कहना है कि जैसे हर बीमारी के लक्षण अलग-अलग होते हैं वैसे ही बीमारी संक्रामक और असंक्रामक भी होती है। यह बीमारी के प्रभाव पर निर्भर करता है। बात करते हैं डेंगू बुखार की, ये संक्रामक है या फिर नहीं। अगर हम इसका जवाब हां दें तो इसका कारण ये होगा कि संक्रामक रोग दो तरह के होते हैं, एक जो संक्रमित व्यक्ति से दूसरे संक्रमित व्यक्ति को हो जाता है।
इसके अलावा दूसरे तरीके में मच्छर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलाता है। ऐसे में डेंगू बुखार भी एक संक्रामक रोग ही माना जाता है।
दरअसल, जब मच्छर किसी डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को काटता है तो साथ में उसका खून चूसता है। ऐसे में उस मरीज के खून में शामिल डेंगू का वायरस मच्छर को भी संक्रमित कर देता है। इसके बाद जब यह संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। इससे यह बीमारी फैलती जाती है।