आपके मुंह बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के सभी प्रकार को इकट्ठा करती है और कई परेशानियों को जन्म देती हैं. इसके अतिरिक्त मुंह के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं.
उपाय
साल में दो बार डेंटिस्ट के पास जाना आमतौर पर आपको किसी भी दांत से जुड़ी परेशानियों से बचा सकता है. पर कुछ लक्षण हैं, जो दांतों से महत्वपूर्ण परेशानियों की ओर इशारा करते हैं.
बच्चों को बचपन से ही ओरल हाइजीन को ठीक रखने के बारे में बाताना चाहिए. साथ ही उन्हें यह भी बताना चाहिए कि ओरल हेल्थ का ख्याल न रखने पर कौन सी बीमारियां हो सकती हैं.
फ्लोराइड रहित टूथपेस्ट लगाएं
ज़्यादातर टूथपेस्ट में फ्लोराइड होता है. यह दांतों के लिए एक लाभकारी तत्व है क्योंकि, इससे दांतों की जड़ें स्ट्रॉन्ग बनती हैं और कैविटी नहीं होती. लेकिन, फ्लोराइड की अधिक मात्रा से दांतों पर दाग-धब्बे पड़ने लगते हैं. इसीलिए ऐसा टूथपेस्ट इस्तेमाल करें जिसमें फ्लोराइड की मात्रा कम लें.
प्रोसेस्ड चीज़ें ना खाएं
कई स्त्रियों को प्रेगनेंसी में मिठाइयां, टॉफी और चॉकलेट खाने की ख़्वाहिश बहुत होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मुंह में उपस्थित बैक्टेरिया चीनी को एक ऐसे एसिड में परिवर्तित कर देते हैं जो दांतों के लिए नुकसानदायक है. इसी तरह मैदे से बने फूड्स खाने से भी दांतों को नुकसान पहुंचता है. इसीलिए, अपनी डायट में मैदा और चीनी जैसी प्रोसेस्ड चीज़ों की मात्रा कम कर दें.
फ्लोराइड युक्त पानी से कुल्ला करें और फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करें.
अगर आपको डायबिटीज है, तो इसे नियंत्रण में रखें. यह गम रोग सहित अन्य जटिलताओं के लिए जोखिम को कम कर सकता है.
दूध या दूध से बनी चीजें, मांस, मछली, प्याज, लहसुन जैसी चीजें दांतों के बीच में फंस सकती हैं. इसलिए खाने के बाद साफ पानी से कुल्ला जरूर करें.
गर्भावस्था के हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के असर के कारण गर्भवती स्त्रियों के दांत से ब्लीडिंग भी हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर को दिखाएं और उपचार करवाएं.