नई दिल्ली: 31 मार्च, वित्त वर्ष 2020-21 का अंतिम दिन है। वहीं, इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले आपको कई ऐसे काम निपटाने जरूरी हैं, जिनकी समय सीमा 31 मार्च तय की गई है। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो फिर आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। ऐसे में हम आपको ऐसे 5 जरूरी काम बताने जा रहे हैं, जिन्हें इस महीने के अंत तक खत्म न करने से आपको भारी पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।
रिवाइज्ड रिटर्न
संशोधित या रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न फाइल (ITR) आपको तब फाइल करना होता है, जब आपसे ओरिजनल टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त कोई गलती हो जाती है। मानिए अगर आपसे डिडक्शन का क्लेम भूल जाना, इनकम या बैंक अकाउंट को न रिपोर्ट करने जैसी गलतियां हो गई हैं, तो आपको ये आईटीआर फाइल करना होता है। इसके अलावा अगर आप ITR फाइल कर चुके हैं, लेकिन इसमें कोई बदलाव करना चाहते हैं तो आप संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
फाइलिंग बिलेटेड
किसी वित्त वर्ष के लिए ITR फाइल करने की मूल टाइम लिमिट खत्म होने के बाद बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जाता है। इसके लिए करदाता को पेनाल्टी देनी पड़ती है। बिलेटेड आईटीआर दस हजार रुपये की लेट फाइलिंग फीस के साथ 31 मार्च 2021 से पहले जमा करना होगा।
एडवांस टैक्स फाइल
अगर एडवांस टैक्स फाइल की बात करें तो ये तब देते हैं, जब इनकम टैक्स कानून के तहत आपकी टैक्स देनदारी साल में दस हजार रुपये से ज्यादा होती है। तो आपको चार किस्तों में 15 जुलाई, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च से पहले एडवांस टैक्स देना पड़ता है। अगर आप एडवांस टैक्स का पेमेंट नहीं करते हैं तो आप पर पेनाल्टी लगाया जा सकता है।
आधार को पैन से लिंक करना
अगर आपने अब तक अपने Aadhar Card को पैन कार्ड से लिंक नहीं कराया है तो फिर आपको 31 मार्च 2021 कर ये काम निपटा लेना होगा। क्योंकि मौजूदा नियमों के तहत पैन को आधार नबंर से जोड़ना अनिवार्य है। बता दें कि सरकार ने इससे पहले आधार को पैन से लिंक कराने की अवधि 30 जून 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी है। वहीं, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना तो देना ही होगा, साथ ही 1 अप्रैल 2021 से आपका पैन कार्ड भी निष्क्रिय हो जाएगा।
विवाद से विश्वास स्कीम
केंद्र की मोदी सरकार ने ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। इस योजना के तहत डेक्लेरेशन फाइल करने के लिए अंतिम समय सीमा 31 मार्च तक है। वहीं, भुगतान के लिए 30 अप्रैल तक वक्त दे दिया गया है। बता दें कि इस स्कीम का मकसद लंबित कर विवादों का समाधान करना है।