पित्रौदा ने पहली बार नहीं कराई किरकिरी, कांग्रेस का किनारा करना काफी नहीं…

Indian Overseas Congress: सैम पित्रोदा फिर चर्चा में हैं किसी जमाने में राजीव गांधी के बहुत करीबी रहे और भारतीय ओवरसीज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने इस बार विरासत टैक्स पर बयान देकर कांग्रेस पार्टी को फंसा दिया है पित्रोदा बार-बार अपने बयानों के चलते कांग्रेस पार्टी को असहज कर देते हैं और फिर कांग्रेस पार्टी को उनके बयानों पर सफाई देनी पड़ जारी है इस बार भी वही हुआ लेकिन भाजपा ने उनके बयान को लपक लिया और हमलावर हो गई ऐसा भी संभव है कि चुनावी समर में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी उनके बयान का जिक्र करके धावा बोल सकते हैं असल में सैम पित्रोदा ने बोला है कि सर्वे से पता लगाया जाना चाहिए कि किसके पास कितनी संपत्ति है और फिर विरासत टैक्स लगना चाहिए

सैम पित्रोदा आए दिन ऐसे बयान देकर कांग्रेस पार्टी को फंसाते रहते हैं अभी इसी वर्ष जनवरी में उन्होंने बोला था एक बार जब राजीव गांधी ने ने लगातार पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया तो उनकी हथेली से खून बहने लगा था पित्रोदा ने यह भी बोला कि वे सभी लोग गांवों के थे और उनमें से ज्यादातर खुरदरी त्वचा वाले मेहनत वाले लोग थे उन्होंने कहा कि इसके बाद राजीव गांधी की हथेली से खून बहने लगा उनके इस बयान पर भी हंगामा मचा था

‘बयानों के बादशाह’ सैम पित्रोदा
वहीं सैम पित्रोदा ने कुछ समय पहले राम मंदिर पर बयान देते हुए बोला कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला नहीं होना चाहिए मंदिरों से बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी हिंदुस्तान की समस्याओं का हल नहीं होगा पित्रोदा अभी कुछ ही वर्ष पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे तब उन्होंने बोला था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं क्योंकि 1984 के बारे में क्या बात करें उस समय हुआ तो हुआ, इसमें क्या

कहां तक सफाई देगी कांग्रेस
इसके अतिरिक्त कुछ वर्ष पहले उन्होंने लोगों को कांग्रेस पार्टी को फंड देने का आग्रह करते हुए अजीब बयान दिया था सैम पित्रोदा नेअप्रैल 2019 में बोला था कि राष्ट्र के मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए. उन्हें पार्टी की प्रस्तावित इन्साफ योजना को फंड करने के लिए अधिक से अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए अभी उनका ताजा बयान चर्चा में है हंगामा बढ़ने पर उन्होंने जरूर बोला कि बयान तोड़ मरोड़कर पेश किया गया लेकिन अब यह मामला भाजपा ले उड़ी है ऐसे में कांग्रेस पार्टी का किनारा करना कितना काफी होगा, यह देखने वाली बात होगी