जेनेवाइजरायल के राजदूत गिलाद एर्दन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर यूएनएचआरसी की रिपोर्ट फाड़ दी. उन्होंने इस रिपोर्ट को ‘बेकार’ करार देते हुए बोला कि इसे कूड़े में फेंक देना चाहिए. एर्दन ने रिपोर्ट पर ‘पक्षपात’ का आरोप लगाते हुए बोला कि यह इजरायल के विरूद्ध है. कुछ महीनों पहले हुए इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हुए भीषण संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने एक विशेष मीटिंग बुलाई थी.
एर्दन ने बोला कि अपनी स्थापना के बाद से ही मानवाधिकार परिषद 95 बार इजरायल की आलोचना कर चुका है. वह यहीं नहीं रुके और मानवाधिकार परिषद पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ‘इजरायल के खिलाफ’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए मानवाधिकार परिषद को पूर्वाग्रहों से भरा हुआ कहा. उन्होंने रिपोर्ट को फाड़ दिया और मंच से चले गए. एर्दन ने ट्विटर पर बताया कि आज उन्होंने मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट के विरूद्ध आवाज उठाई जो असत्य से भरी हुई थी.
इजरायल को बनाया जा रहा निशानाएर्दन ने बोला कि मानवाधिकार परिषद ने आज पूरी दुनिया को निराश किया है. यह ऐसे लोगों की आवाज नहीं सुनता जो हर पल मानवाधिकारों का हनन सहते हैं. पीड़ितों की आवाज मानवाधिकार परिषद के कानों तक नहीं पहुंचती. उन्होंने बोला कि इजरायल और उसकी स्वतंत्रता को निशाना बनाया जा रहा है. शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने अफगानिस्तान, म्यांमार और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर एक विशेष सत्र का आयोजन किया था.
इजरायल की कार्रवाई में 260 लोगों की मौतकुछ महीनों पहले आयोजित मीटिंग में अध्यक्ष मिशेल बाचेलेट ने एक वार्षिक रिपोर्ट पेश की थी. इसमें गाजा पर इजरायली कार्रवाई को लेकर जाँच समिति की नतीजे शामिल थे. इस हमले में करीब 67 बच्चों, 40 स्त्रियों और 16 बुजुर्गों सहित 260 लोगों की मृत्यु हो गई थी. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में इजरायली कार्रवाई की आलोचना की गई थी. जबकि इजरायल इस हिंसा के लिए चरमपंथी संगठन हमास को उत्तरदायी मानता है.