Iran Israel War Impact: ईरान की तरफ से इजरायल पर किये गए मिसाइल हमले के बाद दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव बढ़ गया है. मंगलवार रात को ईरान के हमले से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है. ईरान ने 180 मिसाइल से अटैक करने का दावा किया है. इजरायल की तरफ से जवाबी धावा करने का घोषणा किया गया है. हिंदुस्तान के इजरायल से अच्छे व्यापारिक रिश्ते हैं. दोनों राष्ट्रों के बीच बढ़े तनाव का हिंदुस्तान पर क्या असर होगा? आइए जानते हैं हिंदुस्तान और इजरायल के बीच के व्यापारिक रिश्तों और दोनों राष्ट्रों के बीच कितना कारोबार होता है?
मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और हिंदुस्तान को हरे रंग में दिखाया
हाल ही में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन में अपने संबोधन के दौरान ईरान को वेस्ट एशिया में संघर्ष का कारण कहा था. नेतन्याहू ने इस दौरान दो मैप का यूज किया, पहले में मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और हिंदुस्तान को हरे रंग में दिखाया था. इसके अतिरिक्त एक दूसरे मैप में ईरान और कई दूसरे राष्ट्रों को काले रंग से शो किया गया था. इन राष्ट्रों को उन्होंने ईरान के असर के कारण ‘अभिशाप’ कहा गया. उनके इस संबोधन से यह साफ हुआ था कि इजरायल और हिंदुस्तान एक-दूसरे के लिए कितनी अहमियत रखते हैं?
भारत और इजरायल का व्यापार 10.7 बिलियन डॉलर
भारत और इजरायल के बीच 1992 में राजनयिक संबंध बने थे. इसके बाद से हिंदुस्तान और इजरायल के बीच व्यापार काफी बढ़ गया है. वित्तीय साल 2022-23 में दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार 10.7 बिलियन $ तक पहुंच गया. इस आंकड़े में डिफेंस शामिल नहीं है. 1992 में जब दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापारिक रिश्तों की आरंभ हुई थी तो उस समय यह आंकड़ा 200 मिलियन $ का था. भारतीय एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान ने 2022-23 में इजरायल को 8.45 बिलियन $ का निर्यात किया था. इस दौरान इजरायल से 2.3 बिलियन $ का आयात हुआ. वर्ष 2023-24 के शुरुआती 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) में दोनों राष्ट्रों के बीच का व्यापार 5.75 अरब $ था.
भारत क्या करता है निर्याता और क्या करता है आयात?
भारत की तरफ से इजरायल को डीजल, हीरे और एविएशन फ्यूल का निर्यात किया जाता है. कुल निर्यात में से डीजल और डायमंड का करीब 78% हिस्सा है. हिंदुस्तान की तरफ से निर्यात किये जाने वाले बाकी सामान में बासमती चावल और गेहूं शामिल हैं. इजरायल की तरफ से जो चीजें आयात की जाती है उनमें स्पेस इक्युपमेंट, पोटेशियम क्लोराइड और मेकेनिकल अप्लायंस शामिल हैं. इजरायल एशिया में हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और ग्लोबल लेवल पर इसका नंबर 32वां है. इस कारण दोनों राष्ट्रों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं.
ईरान के साथ हिंदुस्तान के रिश्ते
भारत और ईरान के बीच के व्यवसायी रिश्ते में पिछले कुछ वर्षों में गिरावट आई है. 2022-23 में दुनियाभर में ईरान हिंदुस्तान का 59वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार 2.33 अरब $ का रहा. इससे पहले वर्ष 2021-22 में दोनों राष्ट्रों के बीच का कारोबार का आंकड़ा 1.94 अरब $ रहा था. इससे पहले वर्षों में भी ईरान और हिंदुस्तान के बीच के व्यापारिक रिश्ते इस आंकड़े के ही करीब रहे.
भारत पर क्या होगा असर?
इजरायल और ईरान के बीच यदि जंग बढ़ती है तो इसका असर आने वाले समय में हिंदुस्तान पर भी देखने को मिलेगा. मंगलवार रात से ही क्रूड ऑयल की मूल्य में 4 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है. ब्रेंट क्रूड चढ़कर 74 $ प्रति बैरल पर पहुंच गया है. इसका असर गुरुवार को शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है. बाजार में लाल निशान के साथ कारोबार की आरंभ होने की आशा है. इसके अतिरिक्त सोने की मूल्य में और तेजी आने की आशा है. दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव बढ़ने से क्रूड ऑयल के चढ़ने का असर राष्ट्र में महंगाई बढ़ने के रूप में देखा जा सकता है.