Afghanistan News:अगस्त महीने में अफगानिस्तान पर तालिबान ने पूरी तरह से अतिक्रमण कर लिया था। इसके बाद सितंबर में वहां तालिबान ने अपनी हुकूमत का एलान भी कर दिया। तालिबान जो चाहता था वही हुआ और करीब बीस वर्ष बाद एक बार फिर से अफगानिस्तान पर उसका राज हो गया। लेकिन अभी तालिबान की सरकार को दुनिया के राष्ट्रों ने मान्यता नहीं दी है। इसको लेकर कई राष्ट्रों ने चर्चा तो की लेकिन अभी तक किसी ने निर्णय नहीं लिया। चाइना और रूस जैसे राष्ट्रों ने तालिबान सरकार की तरफ ‘सकारात्मक’ रुख तो दिखाया लेकिन मान्यता देने के निर्णय पर अभी तक मुहर नहीं लगाई। हिंदुस्तान भी तालिबान की सरकार को मान्यता देने से मना कर चुका है।
ऐसे में अब सरकार गठन के बाद समय बीतने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की तरफ से मान्यता नहीं मिलने के चलते तालिबान की ‘बैचेनी’ बढ़ने लगी है। तालिबान के उप पीएम अब्दुल सलाम हनफ़ी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान को मान्यता देने की अपील की है।
हनफी ने बोला कि अब जब अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के नेतृत्व में नयी इस्लामी सरकार का गठन किया गया है, दुनिया के सभी देशों, इस क्षेत्र, विशेष रूप से हमारे पड़ोसियों के लिए एक उत्तरदायी सरकार के रूप में, हम आश्वस्त करते हैं कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति विश्वसनीय है और अफगानिस्तान में निकट और दूर के राष्ट्रों के लिए कोई खतरा नहीं है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बोला कि तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है।
यहां तक की पाक और तालिबान के रिश्तों में खटास आ चुकी है। जिस तालिबान के हुकूमत में आने के बाद पाक खुशियां मना रहा था, उसी से झगड़ा भी हो गया। हाल ही में तालिबान ने पाक की सरकारी एयरलाइंस PIA को चेतावनी दी थी कि यदि उसने किराया संतुलित न किया तो उसपर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उत्तर में PIA ने तालिबान पर मनमानी का आरोप लगाते हुए अफगानिस्तान के लिए सेवाएं रोकने का ऐलान कर दिया।