ढाका
बांग्लादेश की पीएम शेख सुंदर ा का पाक प्रेम बढ़ता ही जा रहा है. आसार जताई जा रही है कि शेख सुंदर ा जल्द ही पाक का दौरा भी करने वाली हैं. इस हाई प्रोफाइल दौरे को लेकर पाक और बांग्लादेश की सरकारों ने तैयारी भी प्रारम्भ कर दी है. एक दिन पहले ही शेख सुंदर ा ने बांग्लादेश में पाक के उच्चायुक्त इमरान अहमद सिद्दीकी से मुलाकात की. इस दौरान पीएम सुंदर ा ने पाक के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध और आर्थिक योगदान की अपनी सरकार की ख़्वाहिश दोहराई.
पाक विदेश विभाग ने जारी किया बयान
पाकिस्तान के विदेश ऑफिस ने बयान जारी कर बताया है कि दोनों देश आपसी संबंधों को बढ़ावा देने पर एकमत हैं. पाकिस्तानी राजदूत ने शेख सुंदर ा से पिछले 11 महीने में दूसरी बार मुलाकात की है. पिछले एक दशक से पाक और बांग्लादेश के संबंध बहुत ज्यादा बेकार रहे हैं. अब फिर से दोनों राष्ट्रों के रिश्तों में तेजी देखी जा रही है. पिछले वर्ष पाक के पीएम इमरान खान ने शेख सुंदर ा से फोन पर वार्ता भी की थी.
शेख सुंदर ा ने पाक का निमंत्रण स्वीकारा
शेख सुंदर ा ने हाल में ही इमरान खान के न्यौते को लिखित में स्वीकृति भी दी है. इस कारण दोनों देश इस बहुप्रतीक्षित यात्रा की तैयारियों में भी जुटे हुए हैं. हालांकि, अभी तक शेख सुंदर ा के पाक दौरे को लेकर कोई निश्चित डेट का ऐलान नहीं किया गया है. शेख सुंदर ा ने इमरान खान को भी बांग्लादेश आने का न्यौता दिया है. पिछले 13 वर्ष से पाक और बांग्लादेश के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत रुकी हुई है. पाक चाहता है कि द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए इस बातचीत को फिर से बहाल किया जाए.
बांग्लादेश और पाक के संबंध तल्ख क्यों थे?
शेख सुंदर ा ने 2009 में दूसरी बार बांग्लादेश की पीएम बनते ही 1971 के युद्ध अपराधों से संबंधित मुकदमों को फिर से प्रारम्भ किया था. इन मुकदमों में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाक का साथ देने वाले कई लोगों को सजा भी सुनाई गई. बांग्लादेश लंबे समय से 1971 के नरसंहार के लिए पाक से माफी की मांग करता रहा है. इस वर्ष के शुरूआत में भी बांग्लादेशी मंत्री शहरियार आलम ने बांग्लादेश में फंसे पाकिस्तानियों की वापसी को पूरा करने और संपत्ति के बंटवारे के मामले को हल करने के अतिरिक्त पाक से बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 1971 में हुए नरसंहार के लिए आधिकारिक माफी मांगने की मांग की थी.
चीन की वजह से पाक के समीप जा रहा बांग्लादेश
बांग्लादेश और पाक ऐतिहासिक रूप से एक दूसरे के कट्टर शत्रु रहे हैं. लेकिन, चाइना के कारण दोनों देश एक बार से फिर समीप आ रहे हैं. चाइना दोनों राष्ट्रों को भारी मात्रा में लोन दे रहा है. चाइना से मिले पैसों के कारण इन दोनों राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था चल रही है. ऐसे में चाइना की चाल पाक और बांग्लादेश को एक साथ लाकर हिंदुस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी करना है. हिंदुस्तान में जब सीएए को लागू किया गया था, तब भी पाक और बांग्लादेश की जुगलबंदी देखी गई थी.