लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रमुख विपक्षी दलों पर कड़ा प्रहार करते हुए बोला कि सपा, बीएसपी और कांग्रेस पार्टी ने जातिवाद को बढ़ावा देते हुए अपने शासनकाल में प्रदेश को दंगे की आग में झोंक दिया था। उद्योग-धंधे चौपट होते थे, दंगों में संपत्ति लूटी जाती थी। त्योहारों पर कर्फ्यू का पहरा होता था। गुंडे- माफिया व्यवस्था पर हावी होकर लोगों को लूटते थे। आज शांति है। प्रदेश में एक भी दंगे नहीं हुए। सभी त्योहार शांति से मनाये जा रहे हैं। व्यापारियों और समाज के पिछड़े वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देते हुए तमाम योजनाएं चल रही है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) आज प्रदेश की एक लोकप्रिय आर्थिक योजना के रूप में चल रही है।
सीएम योगी ने बोला कि हर आदमी को अपने देश और जाति पर गौरव करना चाहिए लेकिन जातिवाद से बचते हुए और देश के उत्थान पर ध्यान देना चाहिए। सामाजिक न्याय की लड़ाई में स्व। कर्पुरी ठाकुर के सहयोग की चर्चा करते हुए सीएम ने बोला कि हमें सोचना होगा कि जिन लोगों ने अपने स्वार्थ में समाज को बांटकर सामाजिक ताने बाने को छिन्न-भिन किया। उनकी क्षति की, वह कभी सम्मान के योग्य नहीं हो सकता है। जबकि हमारा सामाजिक तानाबाना एक दूसरे से इतना जुड़ा होता था कि कोई भी मांगलिक काम पूरा नहीं होता था।
बसपा राज में कोविड-19 होता तब तो भगवान ही मालिक
कोविड-19 काल की चर्चा करते हुए योगी ने बोला कि उत्तर प्रदेश, देश का पहला प्रदेश था जिसने मजदूरों के परिवार के भरण-पोषण के लिए भत्ता की व्यवस्था की। मुफ्त में राशन दे रही है। उन्होंने आगे बोला कि यही कोविड-19 महामारी सपा शासन में आयी होती तो चाचा-भतीजे में हड़पने की होड़ लग जाती। माफिया को ठेका देने की होड़ मच जाती। कांग्रेस पार्टी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। बीएसपी राज में कोविड-19 होता तब तो भगवान ही मालिक होते। अखिलेश यादव को संवेदनहीन करार देते हुए सीएम योगी ने बोला कि सपा शासन में इंसेफेलाइटिस के कहर से बच्चे बीआरडी मेडिकल कालेज में मासूम बच्चे मर रहे थे लेकिन अखिलेश यादव उन पीड़ित बच्चों से मिलने की बजाय एक मांगलिक प्रोग्राम में जाना महत्वपूर्ण समझा था।