नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को आईएएनएस से राष्ट्र के वर्तमान परिस्थिति और मौजूदा गवर्नमेंट की नीतियों पर बात की. उन्होंने जेपीसी बैठक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र, बांग्लादेश में बाढ़, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा, लेटरल एंट्री वापस लेने और दिल्ली गवर्नमेंट बनाम एलजी टकराव पर खुलकर बात की.
वक्फ बोर्ड को लेकर जेपीसी की बैठक पर उन्होंने बोला कि सभी से चर्चा और संवाद के बाद ही निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए. यदि कोई गवर्नमेंट कानून से छेड़छाड़ करती है या नया कानून लाने की प्रयास करती है तो सभी पक्षों से वार्ता करने के बाद कानून और मजबूत हो पाएगा और उससे जो निष्कर्ष निकलेगा, वह ठीक होगा.नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र को लेकर उन्होंने बोला कि हम एनडीए के घटक दल नायडू जी के घोषणापत्र पर बीजेपी की टिप्पणी जानना चाहते हैं.
बांग्लादेश में आई बाढ़ के बारे में उन्होंने बोला कि बांग्लादेशी अपने राष्ट्र में आई बाढ़ के लिए हिंदुस्तान को क्यों उत्तरदायी ठहरा रहे हैं, गवर्नमेंट को बांग्लादेश से यह पूछना चाहिए और प्रश्न उठाने चाहिए. हमारी विदेश नीति में बांग्लादेश के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे रहे हैं, तो ऐसी नौबत क्यों आ रही है, हमें ये प्रश्न उठाने चाहिए और उत्तर मांगने चाहिए.
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर पवन खेड़ा ने बोला कि हम आशा करते हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा ठीक ढंग से आयोजित की जाएगी और कहीं भी नकल या पेपर लीक की घटना नहीं होनी चाहिए. इससे करोड़ों बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है.लेटरल एंट्री की वापसी पर उन्होंने बोला कि मोदी जी को अब सीखना होगा कि सबसे बात करके, राय लेकर गवर्नमेंट कैसे चलती है. कोई भी गवर्नमेंट हो, वो दादागिरी से नहीं, तानाशाही से नहीं, वार्ता से चलती है.
राजनाथ सिंह के वाशिंगटन दौरे पर उन्होंने बोला कि राजनाथ सिंह को वाशिंगटन जाकर यह राय देने की क्या आवश्यकता थी कि विश्वासघात और फर्जीवाड़ा हमारे चरित्र में नहीं है. विश्वासघात और फर्जीवाड़ा वास्तव में हमारे चरित्र में नहीं है और होना भी नहीं चाहिए.दिल्ली गवर्नमेंट बनाम एलजी पर उन्होंने बोला कि दिल्ली गवर्नमेंट और एलजी के बीच जो तकरार चलती रहती है, उससे दिल्ली की जनता को ही हानि होता है. पिछले 10 वर्षों से हम दिल्ली के गवर्नर और सीएम के बीच केवल आरोप-प्रत्यारोप ही देख रहे हैं.