रेडिएशन (Harmful Radiation) का पानी तक पहुंचना वैज्ञानिकों की नज़र में एक बड़ी आपदा है। यदि ऐसा होता है तो पीढ़ियां बर्बाद हो सकती हैं। इससे होने वाली बीमारियां बहुत खतरनाक (Dangerous Disease) होंगी। हालांकि आपको ये जानकर आश्चर्य होगी कि पहले रेडियो सक्रिय वॉटर (Radioactive Distilled Water ) को ज़हरीला नहीं माना जाता था बल्कि डॉक्टर बीमारियां ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे।
इंसान के शरीर पर रेडिएशन का इतना ज़बरदस्त असर पड़ता है कि न्यूक्लियर सेक्टर (Nuclear Sector) में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को भी अपनी जीवन में तमाम शारीरिक समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। अब से सैकड़ों वर्ष पहले लोग ऐसा नहीं सोचते थे, बल्कि रेडियो सक्रिय पानी को दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता ता। इसे छोटी-छोटी बोतलों में पैक करके एनर्जी ड्रिंक के तौर पर बेचा जाता था।
प्रयोगशाला में बनाया जाता था रेडियो सक्रिय वॉटर
12वीं सदी की आरंभ में रेडियम वाले पानी को कुछ खास रोंगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता था। इतना ही नहीं ये पानी धनी लोगों की ही पहुंच में था। Radithor नाम की दवा के अतिरिक्त कुछ और ब्रांड इसे बेचा जाता था। तत्कालीन दावे के अनुसार इस पानी से थकान और कैंसर से लेकर मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी लोग पीते थे। वे इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि वाकई ज़हर है, जो उन्हें धीरे-धीरे समाप्त कर रहा है। इस पानी में रेडियम और मेसोथोरियम नाम के सब्सटैंस होते थे। इसे 2 औंज़ की बोतल में बेचा जाता था। न्यूजर्सी में उपस्थित बैले रेडियम प्रयोगशाला (Bailey Radium Laboratories) में इसका निर्माण होता था, जिसे लोग एक टॉनिक समझते थे।
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कैसे हुआ रेडिएशन के ज़हर का खुलासा?
दरअसल अमेरिका के बड़े लोगों में शुमार इबेन बायर्स (Eben Byers ) को डॉक्टर ने एक बार ये रेडियो सक्रिय वॉटर पीने की सलाह दी। हाथ में जख्म होने के बाद उन्होंने Radithor नाम की ये दवा पी, तो उन्हें बहुत ज्यादा लाभ हुआ। 1927, दिसंबर तक वो दिन में इसकी 3 बोतलें पी जाते थे। वर्ष 1930 तक वो रेडिएटेड वॉटर की 1400 बोतलें पी चुके थे। इसके दुष्प्रभाव के तौर पर उनके दांत गिरने लगे। 51 वर्ष की आयु में उनके केवल 2 दांत बचे थे, जबकि खोपड़ी और जबड़े के कई हिस्से गल चुके थे। उन्होंने उस समय पहली बार इस खास पानी के विरूद्ध केस किया। 1932 में उनकी मृत्यु के बाद जब उनके शरीर की जाँच की गई तो रेडिएशन की मात्रा देखकर वे दंग रह गए। इस केस के बाद इस खास पानी का उत्पादन बंद कर दिया गया।