राजधानी में किसान आंदोलन हिंसा ने हाहाकार मचा दिया है। 26 जनवरी के दिन किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद आज फिर से हजारों की तादात में किसान सिंघु बॉर्डर पर लगातार इकट्ठा होते जा रहे हैं। बॉर्डर पर ही गांव के प्रदर्शनकारी किसानों के आंदोलन करने वाली जगह को खाली कराने की मांग को लेकर आपस में भिड़ गए। इसी दौरान भीड़ में हिंसा फैलने लगी। तभी स्थिति पर काबू करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम पहुंची
ताजा जानकारी मिली है कि फॉरेंसिक सबूत जुटाने के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम गाजीपुर बॉर्डर पहुंची है। ये टीम विभिन्न स्थानों से नमूने एकत्र करने में लगी हुई है।
इधर किसान आंदोलन पर यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत हो रही है। पिछले दिन गाजीपुर बॉर्डर पर हुए बवाल के बीच राकेश टिकैत ने किसानों से यहां पहुंचने की अपील की थी। ऐसे में अब आगे के आंदोलन को लेकर महापंचायत में फैसला हो सकता है।
बीजेपी के लोगों मदद की
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने कहा कि केवल 40 सेकंड में आंदोलन दोबारा शुरू हुआ। कल दंगों से भी खतरनाक स्थिति है। मैंने बीजेपी को वोट दिया था कभी। बीजेपी के लोगों मदद की, हजार कंबल दिए। किसान की मदद की। कल लोगों का मोरल डाउन था। लेकिन हमारा आंदोलन शांति पूर्ण रहेगा। गाज़ीपुर की जो लड़ाई थी, उसने किसान आंदोलन को पलट दिया।
ऐसे में स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव किसानों के संघर्ष में साथ देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) पहुंचे हैं। साथ ही महापंचायत में जयंत चौधरी पहुंच चुके हैं।