26 January Security Alert: राष्ट्र में आतंकवाद (Terrorism) को जिंदा करने की प्रयास में लगे आतंकी संगठन अब पूरी तैयारी करके बैठे हैं और वह केवल एक मौके की तलाश में हैं कि कब वो लोग अगला वार करें। आपको बता दें कि खुफिया जांच एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसियों द्वारा राष्ट्र में गणतंत्र दिवस (Republic Day) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और हरियाणा के साथ लगते इलाकों के बारे में खास तौर पर सतर्कता रखने के संबंध में लिखा गया। इस संबंध सभी उच्च ऑफिसरों को अलग से एक स्पेशल नोट के माध्यम से सूचित किया गया है कि पंजाब प्रदेश में ड्रोन के माध्यम से 1200 के करीब 9 mm 1 A पिस्टल जिसे आई ओ एफ 9mm पिस्टल के नाम से भी जाना जाता है और 30 सुपर कैरी पिस्टल भेजे गए हैं। इसका उपयोग भी कम उम्र के नौजवानों से करवाया जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट
आपको बता दें कि इनॉट के आधार पर लिखा गया है कि जितने भी पुलिस, सेना एवं जांच एजेंसियों के कार्यालय हैं उन पर जल्द से जल्द सुरक्षा बढ़ा दी जाए और साथ ही एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़भाड़ वाली सारी जगाहों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ साथ हर समय चेकिंग चलती रहनी चाहिए। इसके आदेश देने की बात कही गई है। क्योंकि राष्ट्र में मुख्य स्थानों और खासतौर पर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े प्रदेशों में सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हल ही में पंजाब के सरहदी क्षेत्र में पुलिस थाने पर हुआ आतंकवादी हमला और राजौरी में हुई घटना का विवरण करते हुए लिखा गया है कि यह किसी बड़ी आतंकी घटना से पहले आतंकवादियों द्वारा दिया गया एक इशारा या एक तरह से बड़े हमले से पहले टेस्टिंग हो सकती है।
यहां भय फैलाने का है प्लान!
यह भी सामने आया है कि तरनतारन के सरहदी क्षेत्र में पंजाब पुलिस के कार्यालय पर आतंकवादी हमला पुलिस का मनोबल तोड़ने और भय फैलाने के लिए किया गया था। इसीलिए खुफिया एजेंसी ने ऑफिसरों को लिखा है कि पंजाब के अनेक सरहदी इलाकों में स्थित पुलिस चौकियों को चौकस रहने के लिए बोला है। खासतौर पर हाइवे से सटे पुलिस थाने और जवानों की पोस्टों को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया गया है। जारी आदेश में साफ लिख गया है कि सरहदी गांवों में स्थित पुलिस थानों और चौकियों की रात्रिकालीन सुरक्षा में अधिक वृद्धि की जाए। पंजाब के अनेक थानों में सुरक्षा बढ़ाने के कठोर आदेश जारी कर रात्रिकालीन गश्त को और भी तेज करने के लिए बोला गया है।
देशद्रोही ताकतों का क्या है प्लान?
दरअसल, पंजाब पुलिस पर यह कोई पहला हमला नहीं है। इससे पहले भी 2015 में दीनानगर पुलिस स्टेशन पर आतंकियों ने हमला कर दिया था और वहां आतंकवादियों से लड़ने पहुंचे एसपी बलजीत सिंह को गोलियां मार दी थीं। इसके बाद भी पठानकोट में हमला हुआ था और उसके बाद जालंधर स्थित मकसूदां पुलिस स्टेशन पर भी आतंकवादी हमला हुआ था और थाने पर पेट्रोल बम फेंके गए थे, जिसके तार कश्मीरी आतंकवादियों से जुड़े थे और उसके बाद पिछले वर्ष 4 मई को खुलेआम गुरदासपुर में क्षेत्र में गश्त कर रही पुलिस पर 5 लोगों ने हाईवे पर खूब गोलियां बरसाईं और मौके से भाग निकले। अलर्ट में साफ है कि देशद्रोही ताकतों की प्रयास है कि हमले करके वो पुलिस और जवानों का मनोबल तोड़ें। राष्ट्र एवं प्रदेश में भय पैदा की जाए इसीलिए यह निर्देश जारी किए गए है कि सीमावर्ती पुलिस स्टेशनों को अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध करवाया जाए।
इसीलिए अलर्ट के तुरंत बाद सीमावर्ती इलाकों में स्थित पुलिस स्टेशनों को अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध करवाया जा रहा है और रिजर्व पुलिस फोर्स को भी चौकस रहने के लिए बोला गया है। चिंता इस बात को लेकर है कि पंजाब का 553 किलोमीटर का क्षेत्र पाक से सटा है। वहां सीमावर्ती इलाकों में स्थित पंजाब पुलिस के स्टेशनों की सुरक्षा का रिव्यू किया जा रहा है। पठानकोट, गुरदासपुर, डेरा बाबा नानक, तरनतारन, फिरोजपुर आदि सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पाक ने पंजाब में भय फैलाने के लिए ऐसी फील्डिंग सजाई है, जो कश्मीर में फैलाए जा रहे आतंकवाद से पूरी ढंग से अलग है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का बोलना है कि कुछ संदिग्धों को पकड़ हिरासत में लेकर पाक के पूरे नेट्वर्क को डिकोड करने की प्रयास की जा रही है लेकिन यह लोग यूज एंड थ्रो वाले लग रहे हैं।
अधिकारियों का बोलना हैं कि पाक ने पंजाब में भय का माहौल पैदा करने के लिए अपना जो ट्रेंड बदला है उसमें उसने पेशेवर आतंकियों की स्थान पर क्षेत्रीय अपराधी और गैंगस्टर्स को उपयोग किया जा रहा है। वह कहते हैं कि कभी पंजाब में भावनाओं के सहारे बब्बर खालसा जैसे बड़े आतंकवादियों के मुखिया को आतंकवाद फैलाने के लिए पाक और आईएसआई उपयोग किया करती थी, लेकिन अब खलिस्तान लिबरेशन फोर्स एवं पिछले वर्ष गठित लश्करे-ए-खालसा के आतंकवादियों को साथ रखकर लोकल नेटवर्क तस्करों और गैंगस्टरों के जरिए तैयार किया जा रहा है।
बदलते समय और धीरे-धीरे पूरी ढंग से सामान्य हो रहे पंजाब के हालात में पाक में खालिस्तान की आवाज बुलंद करने वाले आतंकवादियों की सहायता से क्षेत्रीय अपराधियों को अपना मोहरा बनाना प्रारम्भ कर दिया है। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का बोलना है कि पाक ने पंजाब में भय फैलाने के लिए ड्रग पैडलर्स और गैंगस्टर को बड़े पैमाने में नशा, हथियार और पैसा देना प्रारम्भ कर दिया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि पूरे पंजाब में जो गैंगस्टर और क्षेत्रीय क्रिमिनल्स थे, वह अपने सरगना के इशारे पर बड़ी वारदात करने को तैयार होने लगे और साथ ही एक बड़ा नेट्वर्क हथियारों और ड्रग्स कन्साइनमेंट के बल पर न सिर्फ पंजाब बल्कि पूरे राष्ट्र में जोड़ने पर लगे है और यह पूरा खेल हवाला के जरिए आ रहे विदेशी रुपये से हो रहा है। इनपुट में यह साफ लिखा है कि यह पूरा पैसा राष्ट्र में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए फंड किया जा रहा है। जो कि कुछ नेताओं के नेट्वर्क से आ रहा है जिसकी जानकारी एजेंसियों के पास है और उसको लेकर कुछ नेताओं के विरूद्ध जल्द एक्शन भी दिखाई देगा।
आपको बता दें कि पाक में मरे आतंकवादी हरविंदर रिंदा के पंजाब के गैंगस्टरों से हैं गहरे संबंध थे और खुफिया जांच एजेंसी के अधिकारी यह बताते हैं कि रिंदा ने एक बड़ा आतंकवादी कनेक्शन हिंदुस्तान में जोड़ लिया था। जिसमें 1500 से अधिक युवा पाक में बैठे आतंकवादी रिंदा संधू के संपर्क में थे। आपको बता दें कि पंजाब पुलिस का जो डोजियर ज़ी मीडिया नेट्वर्क के पास है उसमें पंजाब पुलिस ने अपने डोजियर में हरविंदर सिंह रिंदा को ए प्लस स्तर का गैंगस्टर बताया था। डोजियर के अनुसार मृतक हरविंदर सिंह रिंदा काफी खूंखार प्रजाति का गैंगस्टर था और इसीलिए उसे ए प्लस कैटेगरी में रखा गया था। पाक की खुफिया एजेंसी की गोद में बैठा यह नामी गैंगस्टर हरविंदर रिंदा अब बब्बर खालसा का कुख्यात आतंकवादी बन चुका था और जांच एजेंसी की एक लिस्ट के हिसाब से पंजाब में नामी गैंगस्टरों समेत 27 क्रिमिनल रिंदा के संपर्क में थे। इतना ही नहीं, एजेंसियों को संभावना है कि रिंदा का पंजाब में गैंगस्टरों के जरिए जमीनी स्तर पर जबरदस्त नेटवर्क है। उसके नेटवर्क से करीब 1500 युवा जुड़े हुए थे।
इसका पूरा लाभ पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ले रही थी।
लिहाजा, रिंदा पंजाब की काउंटर इंटेलिजेंस के अतिरिक्त केंद्रीय खुफिया एजेंसियों का सिरदर्द बढ़ गया था। दरअसल, रिंदा पंजाब में नामी गैंगस्टर रहा था, उस पर नकद पुरस्कार भी था और उसके साथ संपर्क में पंजाब के नामी गैंगस्टर दिलप्रीत ढाहा, प्रदीप चाना, गुरजोत गरचा, हरजिंदर सिंह एवं आकाश के साथ संबंध थे और जयपाल भुल्लर भी रिंदा का जिगरी यार था जिसे पुलिस की टीम ने कोलकाता में एनकाउंटर में मार गिराया था और उसके मोबाइल में हरविंदर रिंदा का नंबर मिला था। पंजाब की खुफिया एजेंसियों को मोबाइल कॉल्स में काफी मैसेज और टेलीफोन रिंदा से जुड़े हुए मिले थे। इतना ही नहीं, जयपाल भुल्लर की मृत्यु के बाद उसके पूरे नेटवर्क को पंजाब में भी रिंदा की ही कोर टीम ही संभाल रही थी। दरअसल, जितनी देर रिंदा हिंदुस्तान में रहा था, उसके नाम का खौफ था। चंडीगढ़ में सतनाम सिंह हत्याकांड की वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा के साथ गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा भी था। रिंदा के साथ पंजाब में काफी युवा जुड़े हुए थे, जिनके बल पर वह भय मचाता था।
आपको बता दें कि इसके लिए एजेंसियों की टीमें लगातार वर्क कर रही हैं और पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है। इसमें जेलों में बंद और भगोड़े क्रिमिनल दोनों को शामिल किया था क्योंकि एजेंसियों को संभावना है कि रिंदा के बाद अब उसका नेटवर्क संभालने वाले राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ मिलकर राष्ट्र में और खासतौर पर पंजाब प्रदेश में किसी बड़ी घटना को कभी भी अंजाम दे सकता है। यह आतंकवादी घटनाएं धार्मिक भावनाओं को आहत कर भड़का कर भी करवाई जा सकती है और साथ ही रैलियों प्रदर्शनों, धरनों के दौरान हिंसा भड़का कर भी बड़ी आतंकवादी घटनाएं करवाई जा सकती हैं। इसीलिए पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों को काफी सावधान रहना महत्वपूर्ण है।