नई दिल्ली (एएनआई). Global Millets Conference : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के पूसा में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान बोला कि हिंदुस्तान का मिलेट मिशन 2.5 करोड़ सीमांत किसानों के लिए वरदान बनेगा. उन्होंने बोला कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि गवर्नमेंट बाजरा उत्पादक किसानों की जरूरतों पर ध्यान दे रही है. हिंदुस्तान में बाजरा मुख्य रूप से 12-13 राज्यों में उगाया जाता है. हालांकि, इन राज्यों में प्रति आदमी घरेलू खपत 2-3 किलोग्राम प्रति माह से अधिक नहीं थी. आज यह बढ़कर 14 किलोग्राम प्रति माह हो गई है. उन्होंने बोला कि ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन जैसे आयोजन न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय भलाई के लिए जरूरी हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय भलाई के लिए हिंदुस्तान की बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक भी हैं. जब हम किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं तो उसे पूर्णता तक ले जाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी होती है.
दुनिया ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ मना रही
प्रधानमंत्री ने यह भी बोला कि मुझे खुशी है कि आज जब दुनिया ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ मना रही है, हिंदुस्तान इस अभियान का नेतृत्व कर रहा है. उन्होंने बोला कि यह राष्ट्र के लिए बड़े सम्मान की बात है कि हिंदुस्तान के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त देश ने 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ बाजरा’ घोषित किया है. उन्होंने आगे बोला कि हिंदुस्तान के 75 लाख से अधिक किसान आज इस कार्यक्रम में वर्चुअली हमारे साथ उपस्थित हैं, जो इसके महत्व को दर्शाता है. इससे पहले पीएम मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया और नयी दिल्ली के पूसा में ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन में बाजरा 2023 के अंतरराष्ट्रीय साल के आधिकारिक सिक्के का अनावरण किया. इथोपिया के अध्यक्ष साहले-वर्क जेवडे जो दिल्ली में ग्लोबल बाजरा सम्मेलन में वर्चुअली मौजूद थे ने बोला भूख को समाप्त करने जलवायु बदलाव के अनुकूल होने और कृषि खाद्य पदार्थों को बदलने के लिए बाजरा स्थिरता में जरूरी हैं.
पीएम मोदी ने कहा, 2.5 करोड़ सीमांत किसानों के लिए बनेगा वरदान
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