नयी दिल्ली: देश में ओमिक्रॉन के केस और भी अधिक तेजी से बढ़ते जा रहे है। अब तक देश में 14 राज्यों में 220 मुद्दे सुनने को मिल चुके है। ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए केसों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के आदेश जारी किए है।
पत्र में केन्द्र ने ओमिक्रॉन को डेल्टा से तीन गुना अधिक संक्रामक बताते हुए वॉर रूम सक्रिय करने के बारें में कह रहे है। साथ ही कोविड से जुड़े हर अपडेट पर नजर रखते हुए लोकल और जिला स्तर पर कड़े और त्वरित कदम उठाने के भी आदेश जारी कर दिए है।
सरकार ने राज्यों को दिए ये निर्देश-
– केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि टेस्टिंग और नज़र बढ़ाने के अलावा नाईट कर्फ्यू लगाना, बड़ी सभाओं पर रोक लगाने, शादी और दाह संस्कार ों में लोगों की तादाद को सीमित करने जैसे कदम उठाए जानें चाहिए।
– केन्द्र सचिव ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने, कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने, केसों की लगातार समीक्षा करने, हॉस्पिटल में सुविधाएं बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण कदमों को उठाने की बात कही है। केन्द्र ने पत्र में कहा है कि इस तरह की रणनीति से प्रदेश के बाकी भागों में संक्रमण फैलने से पहले ही लोकल स्तर पर काबू में हो जाएगा।
– भूषण ने अपने पत्र में राज्यों के लिए लिखा है, वॉर रूम, इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स को सक्रीय कर दें। मुद्दे ट्रेंड्स का एनालिसिस करें। भले ही केस कम हों, जिला और लोकल स्तर पर सक्रिय जाँच करते रहें। फील्ड ऑफिसरों के साथ नियमित समीक्षा करें। इन कदमों से निश्चित तौर पर संक्रमण को कम करने में सहायता प्राप्त होगी।
– कोविड के नए क्लस्टर कंटेनमेंट जोन, बफर जोन बनाए जानें चाहिए। कंटेनमेंट में ही संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। सभी क्लस्टर में सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए समय से भेजा जाए।
– पत्र में कहा गया है कि अभी तक के वैज्ञानिक सबूतों से पता चला है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से तीन गुना अधिक संक्रामक है। इतना ही नहीं हिंदुस्तान के कई भागों में डेल्टा के भी मुद्दे देखने को मिल रहे है।
– केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि, लोकल और जिला स्तर पर प्रदेश सरकारों को दूरदर्शिता, डेटा एनालिसिस के साथ कठोर और त्वरित फैसला लेने की आवश्यकता है।
– केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट का चयन करने, टेस्ट, ट्रेक और सर्वेलांस पर फोकस करने के लिए बोला है। इतना ही नहीं राज्यों से कहा गया है कि वे डोर टू डोर केस सर्च, टेस्टिंग जैसे आवश्यक कदम भी उठाएं। साथ ही आर RT -PCR टेस्ट की तादाद भी बढ़ाई जाए।
– कोविड के सभी मरीजों के संपर्कों की ट्रेसिंग की जानी चाहिए। जिसके अलावा जिला प्रशासन विदेशों से आए यात्रियों की भी नज़र करे।
– सभी राज्यों से बेड का आंकड़ा बढ़ाने, एंबुलेंस और अन्य मशीनरी बढ़ाने और ऑक्सीजन और दवाओं का बफर स्टॉक बढ़ाने के बारें में भी बोला गया है।
– केन्द्र ने कहा है कि ओमिक्रॉन को देखते हुए नेशनल क्लीनिक मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में कोई बदलाव नहीं होगा।
– गाइडलाइन के अनुसार, होम आइसोलेशन के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। होम आइसोलेशन के समय कॉल सेंटर और होम विजिट के द्वारा उसकी जानकारी समय पर ली जानी चाहिए। इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि होम आइसोलेशन में रहने वाले आदमी से अन्य लोगों में संक्रमण न फैले।
– राज्यों से 100 परसेंट वैक्सीन पर फोकस करने के लिए कहा गया है।