Maruti Impex Diamond Company: क्या आप सोच सकते हैं कि एक वायरल सोशल मीडिया मैसेज से किसी की जॉब जा सकती है? उसमें भी एक या दो नहीं, बल्कि 15 हजार। जी हां, ऐसा ही हुआ है। ये कहानी है गुजरात की। एक सोशल मीडिया मैसेज वायरल हुआ और 15 हजार लोगों की जॉब चली गई। जानिये क्या है ये पूरा मामला।
दरअसल, विकासशील माने जाने वाले गुजरात में 15 नवंबर 2024 तक पिछले साढ़े चार वर्ष में 5,972 MSME इकाइयों के शटर गिरे हैं, यानी वाइब्रेंट गुजरात में प्रतिदिन तीन से चार MSME इकाइयां बंद हो रही हैं। इकाइयां बंद होने के मुद्दे में गुजरात राष्ट्र में तीसरे जगह पर है। महाराष्ट्र पहले और तमिलनाडु दूसरे जगह पर है। इस दौरान राष्ट्र में 61,499 इकाइयां बंद हुई हैं। जो चिंता का विषय है।
15 हजार कर्मचारियों की जॉब गई
गुजरात वाइब्रेंट गुजरात पर आधारित उद्योगों को आकर्षित कर रहा है। जबकि MSME इकाइयों के शटर गिर रहे हैं। राज्य में मारुति इम्पेक्स नाम की प्रसिद्ध हीरा फैक्ट्री आज बंद हो गई है। एक सोशल मीडिया मैसेज के आधार पर 15 हजार कर्मचारियों की जॉब चली गई है। सुरत स्थित मारुति इम्पेक्स डायमंड फैक्ट्री 3 से 4 महीने तक बंद रहने का व्हाट्सएप ऑडियो वायरल हो गया है।
ऑडियो मैसेज में क्या था संदेश?
प्रत्येक फैक्ट्री के यूनिट हेड का उल्लेख करते हुए एक संदेश प्रसारित किया गया है कि फैक्ट्री 3 से 4 महीने के लिए बंद रहेगी। जहां काम मिले वहां चले जाओ, जब कंपनी दोबारा काम के लिए बुलाए तो आपको लगे तो वापिस आ जाना। मारुति इम्पेक्स कंपनी 3 से 4 महीने बंद है। सभी को रिहा कर दिया गया है, 4 महीने तक प्रतीक्षा मत कीजियेगा यदि काम मिलता है तो ले लेना, अब तक हमारे साथ बने रहने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
कंपनी के मालिक को ब्रेन स्ट्रोक
सूरत की जानी-मानी हीरा कंपनी मारुति इम्पेक्स के मालिक सुरेश भोजपुरा को 4 से 5 महीने पहले ब्रेन स्ट्रोक आया था। इसलिए वह कोमा में चले गये है | मारुति इम्पेक्स का कोई साझेदार नहीं है और कंपनी अकेले ही चलती है। उन्हें ठीक होने में 4 महीने तक का समय लग सकता है। आपको बता दें कि सूरत, भावनगर, लाठी समेत भिन्न-भिन्न जगहों पर 100 से अधिक छोटी-बड़ी डायमंड कट और पॉलिश की फैक्ट्रियां चल रही थी। केवल एक मैसेज से 15000 कर्मचारियों को जॉब चले जाने से सुरत के हीरा बाजार में चिंता का विषय बना हुआ है। मारुति इम्पेक्स प्राकृतिक हीरे के कारोबार में एक प्रमुख कंपनी है। कंपनी के कार्यालय दुनिया के जाने-माने राष्ट्रों में हैं। उनकी सूरत के कटारगाम वस्तादेवडी रोड पर एक विनिर्माण इकाई है।
सुरेश लखानी के पास करीब 100 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स
मारुति इम्पेक्स के मालिक की सौराष्ट्र और सूरत में लगभग 100 विनिर्माण इकाइयां हैं। दीपावली के बाद वे केशोद में एक यूनिट प्रारम्भ करने की योजना बना रहे थे। उनके भावनगर, बोटाद, अमरेली, गरियाधर, लाठी, लिलिया, वलभीपुर, महुवा, सूरत में विनिर्माण इकाइयों के अतिरिक्त 5 राष्ट्रों में कार्यालय हैं, मुंबई बीकेसी हिंदुस्तान डायमंड बुर्से में कार्यालय हैं।
गुजरात में MSME बंद होने की वजह
गुजरात में बंद हुई MSME 5,972 इकाइयों में से 5,876 सूक्ष्म, 89 छोटी और 7 मध्यम इकाइयां हैं और उद्यम के अनुसार दर्ज़ हैं। MSME मंत्रालय के अनुसार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन रद्द होना, स्वामित्व में बदलाव, एक ही यूनिट का दोबारा रजिस्ट्रेशन समेत कई कारण भी यूनिट बंद होने के लिए उत्तरदायी हैं। वहीं, इस मुद्दे में मंदी और आर्थिक तंगी जैसे अन्य कारणों को भी उतना ही उत्तरदायी माना जाता है।
हाल ही में गवर्नमेंट ने यह भी दावा किया था कि गुजरात में 19.60 लाख यूनिट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जिसमें 1.77 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। गौरतलब है कि गुजरात में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए कर्ज पर ब्याज सब्सिडी सहित प्रोत्साहन योजनाएं लागू हैं। लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के कोशिश किये जा रहे हैं फिर भी छोटी इकाइयों पर भी ताला लग रहा है।