भारत गहरे समुद्र में जाकर उच्च तकनीक युक्त शोध कार्य करने वाला जहाज बनाने की शुरुआत करने जा रहा है। इस जहाज की लागत करीब 1,200 करोड़ रुपये होगी। इस बहुउद्देशीय जहाज से समुद्र में भारत की क्षमताएं बढ़ेंगी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियानों में भी भारत सक्रिय सहयोग दे पाएगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गहरे समुद्र में कार्य करने में सक्षम इस तरह का अत्याधुनिक जहाज देश में पहली बार बनेगा। यह हमारी आधुनिक पोत निर्माण क्षमता का प्रतीक होगा। यह जहाज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत में बनेगा। इसमें ज्यादातर उपकरण भी भारत में तैयार किए हुए होंगे।
2022 में निर्माण कार्य आरंभ होने की उम्मीद
निर्माण का आदेश दिए जाने के बाद तीन साल में इस जहाज को तैयार करके देना होगा। इसके निर्माण के लिए शिप बिल्डिंग यार्ड अभी पूरी तरह तैयार नहीं है लेकिन मार्च 2022 में निर्माण कार्य आरंभ होने की उम्मीद है। यह जानकारी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने दी है।
सागर निधि समुद्री शोध के कार्य में लगा भारत का विशिष्ट जहाज
केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने समुद्री शोध पोत सागर निधि में शुक्रवार को बैठक कर विभिन्न समुद्री परियोजनाओं पर वैज्ञानिकों से चर्चा की थी। यह पोत चेन्नई तट से समुद्र में गया था। सागर निधि समुद्री शोध के कार्य में लगा भारत का विशिष्ट जहाज है। इसे राष्ट्रीय समुद्र तकनीक संस्थान संचालित करता है।
जहाज गहरे समुद्र में जाकर वहां की परिस्थितियों का विश्लेषण करेगा
केंद्रीय मंत्री ने यहीं से भारत का पहला समुद्री अभियान समुद्रयान भी शुरू किया था। भारत सरकार के सचिव ने बताया है कि नया बनने वाला जहाज गहरे समुद्र में जाकर वहां की परिस्थितियों का विश्लेषण करेगा। साथ ही वहां की खनिज संपदा के बारे में जानकारी देगा। यह जहाज समुद्री तूफान और सुनामी से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं भी देगा।