Wayanad Landslide: कांग्रेस नेता और वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी गुरुवार को केरल के वायनाड पहुंचे। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चूरलमाला का दौरा किया। इस दौरान दोनों ने कई जगहों पर जाकर लैंडस्लाइड पीड़ितों से मुलाकात की। बता दें, मंगलवार को आये भयावह भूस्खलन में 177 लोगों की मृत्यु हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जिला प्रशासन ने गुरुवार को बोला कि मलबा हटाये जाने के बाद यह संख्या और भी बढ़ने की आसार है। मृतकों में 25 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं। मलबे से निकाले गये 252 शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। अब तक 100 मृतशरीर की पहचान की जा चुकी है। वहीं मलबे से अब तक शवों के 92 अंग बरामद हुए हैं। कई लोग अब भी लापता हैं।
केरल और राष्ट्र के लिए भयावह त्रासदी- राहुल गांधी
वायनाड में कांग्रेस पार्टी सांसद राहुल गांधी ने बोला कि यह वायनाड, केरल और राष्ट्र के लिए एक भयावह त्रासदी है। उन्होंने बोला कि हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना भयावह है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है। अपने घरों को खो दिया है। राहुल ने बोला कि हम उनकी सहायता करने की प्रयास करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका अधिकार मिले। राहुल ने बोला कि मुझे महसूस हो रहा है कि जब मेरे पिता की मृत्यु हुई थी तो मुझे कैसा महसूस हुआ था। यहां लोगों ने केवल एक पिता को नहीं बल्कि एक पूरे परिवार को खो दिया है।
191 लोग अब भी लापता
जिला प्रशासन ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 234 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई लोगों को गंभीर चोटें भी आयी हैं। घायलों में से 92 लोगों का अब भी उपचार चल रहा है। बचाव दल जीवित बचे लोगों या शवों की तलाश में नष्ट हो चुके मकानों और इमारतों में खोज अभियान चला रहे हैं। वहीं, गवर्नमेंट की ओर से बुधवार को जारी आधिकारिक अनुमान के अनुसार 191 लोग अब भी लापता हैं। बता दें, मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया जिससे भारी तबाही मची।
मलबे में दबे हो सकते हैं और शव
वायनाड जिले के चार गांवों में हुए लैंडस्लाइड से घरों समेत पेड़ भी दब गये हैं। बचाव कर्मियों का बोलना है कि भूस्खलन में उखड़े बड़े-बड़े पेड़ों को हटाने के लिए भारी मशीनरी की आवश्यकता है। इन पेड़ों के नीचे कई घर दबे हुए हैं। बचाव कर्मियों ने बोला कि हम एक इमारत की छत पर खड़े हैं और नीचे से बदबू आ रही है, जो शवों की मौजूदगी का संकेत है। इमारत पूरी तरह से कीचड़ और उखड़े हुए पेड़ों से ढकी हुई है। श्रमिकों का बोलना है कि विशाल पेड़ों को हटाने और ढह गई इमारतों में तलाश अभियान चलाने के लिए भारी मशीनरी की आवश्यकता है।