Russia-Ukraine War Latest Update: रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने के लिए दुनिया के तमाम राष्ट्र भारतीय पीएम मोदी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी इसको लेकर कई बार अपना नजरिया साफ कर चुके हैं और शांतिपूर्ण निवारण की पैरवी कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने के लिए पुतिन और इटली की पीएम मेलोनी पहले से ही हिंदुस्तान पर भरोसा जाता चुके हैं। इसी बीच एक समाचार ने सभी को चौंका दिया है। मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान ने रूस और यूक्रेन जंग को समाप्त करने का एक प्लान बनाया है, इसके लिए राष्ट्र के जेम्स बॉड’ कहे जाने वाले अजित डोभाल को चुना गया है, उन्हें मॉस्को भेजा जाएगा।अजित डोभाल जाएंगे मॉस्को
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के उद्देश्य से चर्चा करने के लिए इस हफ्ते मॉस्को की यात्रा करेंगे। एनएसए डोभाल शांति वार्ता के लिए मॉस्को जाएंगे। इस यात्रा के कार्यक्रम के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक विवरण मौजूद नहीं है।ब्रिक्स सम्मेलन में भी होंगे शामिल
रूस के कजान में ब्रिक्स एनएसए सम्मेलन में भी डोभाल शामिल होंगे। यह सम्मेलन रूस की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।
पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के दोनों नेताओं से की थी मुलाकात
PM नरेंद्र मोदी पिछले दो महीनों में रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा करने और वहां के नेताओं व्लादिमीर पुतिन और वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से युद्धविराम को लेकर चर्चा की थी। दोनों राष्ट्रों में शांति समझौता के लिए मध्यस्थता को लेकर दुनिया हिंदुस्तान की ओर देख रही है।
पुतिन ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से की बात
यूक्रेन की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मुलाकात के तुरंत बाद प्रधान मंत्री मोदी ने 27 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन से टेलीफोन पर बात की। रूसी दूतावास के एक बयान में बोला गया कि टेलीफोन कॉल के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को कीव की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी और सियासी और राजनयिक उपायों से यूक्रेन के लिए निवारण लाने की हिंदुस्तान की प्रतिबद्धता पर बल दिया था।
यूक्रेन को हर संभव सहायता की मोदी का वादा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही हमें जब पीएम मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को आश्वासन दिया था कि हिंदुस्तान अपनी तरफ से हरसंभव सहायता करेगा। इसके बाद पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी टेलीफोन पर बात करके युद्ध समाप्त करने पैरवी की थी।
रूस में डोभाल क्या करेंगे? ब्रिक्स सम्मेलन क्यों है जरूरी
डोभाल अपने रूसी समकक्ष और अन्य ब्रिक्स सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों संग भिन्न-भिन्न बैठक की भी आसार है। इससे पहले उन्होंने 2023 में जोहान्सबर्ग में 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लिया था। पिछले साल पांच नए सदस्य सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इथियोपिया को समूह में शामिल किया गया था। इसके बाद यह पहली ब्रिक्स एनएसए बैठक होगी। ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक, ब्रिक्स सियासी और सुरक्षा योगदान में एक जरूरी मील का पत्थर है।
2009 से ब्रिक्स राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा करते हैं आपस में बात
इस बैठक के तहत, राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्च प्रतिनिधि आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, शांति और स्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय संगठित क्राइम के साथ-साथ ब्रिक्स राष्ट्रों की राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करते हैं। ब्रिक्स राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सुरक्षा मुद्दों पर संवाद बढ़ाने और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए 2009 से बैठक कर रहे हैं। ब्रिक्स राष्ट्रों ने तेजी से आतंकवाद विरोधी रणनीति विकसित की है। इस रणनीति का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी योगदान के साथ-साथ तरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करना और हिंसक आतंकवाद के खतरे को रोकने और उससे निपटने के वैश्विक प्रयासों में सार्थक सहयोग देना है। निपटने के लिए ब्रिक्स के भीतर व्यावहारिक योगदान के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।