जोधपुर: नाबालिग से बलात्कार के मुद्दे में जीवन भर जेल की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. न्यायालय ने मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है. यह जमानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है, जिनमें सार्वजनिक प्रवचन, मीडिया से वार्ता और अनुयायियों से मिलने पर प्रतिबंध शामिल है.
2013 में हुई थी गिरफ्तारी
आसाराम को 2 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से अरैस्ट किया था. 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर न्यायालय ने उन्हें नाबालिग से बलात्कार के मुद्दे में जीवन भर जेल की सजा सुनाई थी. अब 11 वर्ष बाद वह जमानत पर कारावास से बाहर आएंगे. फिलहाल, आसाराम जोधपुर के आरोग्यम हॉस्पिटल में भर्ती हैं.
इन शर्तों पर मिली जमानत
आसाराम अनुयायियों और मीडिया से संपर्क नहीं कर सकते.
सुरक्षा के लिए तीन गार्ड साथ रहेंगे, जिनका खर्चा आसाराम को उठाना होगा.
उन्हें राष्ट्र के किसी भी आश्रम या हॉस्पिटल में रहने और उपचार कराने की अनुमति होगी.
दो मामलों में गुनेहगार साबित
जोधपुर मुकदमा : नाबालिग से बलात्कार मुद्दे में आसाराम को 2018 में जीवन भर जेल की सजा हुई थी.
गांधीनगर मुकदमा : गुजरात के गांधीनगर में स्त्री अनुयायी से बलात्कार के मुद्दे में उन्हें 31 जनवरी 2023 को भी जीवन भर जेल की सजा सुनाई गई.
महिला वैद्य की मांग और स्वास्थ्य का मुद्दा
जेल में रहते हुए आसाराम ने त्रिनाड़ी शूल नाम की रोग का हवाला देते हुए स्त्री वैद्य से उपचार की अनुमति मांगी थी. हालांकि मेडिकल बोर्ड ने इस रोग की पुष्टि नहीं की.
आसाराम की जमानत ने एक बार फिर इस बहुचर्चित मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है. अब देखना होगा कि जमानत के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों का वह पालन करते हैं या नहीं.