बदलते दौर में जहां हम लोग डिजीटल प्लेटफार्म का उपयोग कर कार्य को सरल बना रहे हैं। वहीं डिजिटल गैजेट्स हमारी आंखों के लिए खतरनाक भी साबित हो रहे हैं। इसी बात को लेकर न्यूज़ 18 लोकल की टीम ने नेत्र रोग जानकार से खास वार्ता की। जहां कोविड- 19 के बाद आंखों की रोंगों को लेकर बात की गई। वही किस ढंग से आंखों का बचाव किया जा सके उसको लेकर भी विशेष जानकारी दी गई।
ज्यादा देर तक लगातार ना करें स्क्रीन का उपयोग
नेत्र रोग जानकार डा। प्रियंक गर्ग की माने तो औनलाइन क्लासेज के बाद से बच्चों की आंखों में बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है। घंटों तक जहां बच्चे लगातार औनलाइन कक्षा में शोध करते हैं। उसके बाद गेम सहित अन्य माध्यमों के लिए भी मोबाइल का उपयोग करते हैं। आंखों की जो क्षमता होती है वह निर्बल होने लगती है। जिस कारण समय से पहले बच्चों के चश्मा लग रहा है। इतना ही नही डिजिटल गैजेट्स का उपयोग करने के कारण आम तुलना में चश्मे का नंबर भी तीव्र गति से बढ़ता जा रहा है।
ब्लू रोशनी को कंट्रोल कर उजाले में ही करें काम
आज के युवाओं की बात की जाए तो अधिकांश युवा कमरे की लाइट ऑफ करने के बाद मोबाइल या लैपटॉप पर कार्य करते हैं। जबकि डिजिटल गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू रोशनी आंखों की स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी जाहिए कि जब भी मोबाइल पर काम करें वह लोग कमरे की लाइट स्विच ऑन रख कर ही स्क्रीन का उपयोग करें। साथ ही लगातार लंबे समय तक डिजिटल गैजेट्स पर कार्य करने से बचना चाहिए।
बताते चलें कि Covid-19 के बाद आंखों से संबंधित रोंगों में बहुत ज्यादा वृद्धि देखा जा रहा है।