बेंगलुरु, पीटीआइ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने रविवार को कर्नाटक सरकार से कोरोना वायरस (COVID-19) प्रबंधन को लेकर ‘श्वेत पत्र’ लाने की मांग की है। वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में सरकार की ओर से पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रशासन के बारे में लोगों में ‘अविश्वास’ पैदा हुआ है। बाजार दर से दोगुना भुगतान करके चिकित्सा उपकरणों की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाते हुए उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र और पारदर्शिता की मांग की। साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन की भी बात कही। सिद्धारमैया ने कहाा कि कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए अपने उपायों में पारदर्शिता नहीं दिखाई है और इसने लोगों में संदेह और असुरक्षा को जन्म दिया है।
सिद्धारमैया के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से आग्रह किया कि वे अब तक किए गए कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू उपायों और खर्च किए गए धन की जानकारी देने के लिए एक श्वेत पत्र लाएं, ताकि लोगों को सच्चाई का पता लगे और सरकार पर भरोसा जताया जा सके। राज्य में संक्रमण की संख्या में वृद्धि के साथ, विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर कोरोना के प्रसार को रोकने में ‘विफल’ होने का आरोप लगाया है।
श्वेत पत्र के माध्यम से लोगों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार 1 जून तक राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 3,408 थी। शनिवार को 11,923 मामले सामने आए। सिद्धारमैया ने अपने बयान में कोरोना के उपचार और इससे संबंधित गतिविधियों के लिए सरकार द्वारा खर्च किए गए धन की जानकारी देने की मांग की है। सिद्धारमैया ने दावा किया कि उनके द्वारा कई पत्र लिखने के बावजूद, विभाग जानकारी को ठीक से साझा नहीं किया गया। कांग्रेस के नेता ने आरोप लगाया कि सूचना का ऐसा खंडन उनके विशेषाधिकार का हनन करता है। यह सरकार के कामकाज के बारे में संदेह को भी जन्म देता है। इसलिए श्वेत पत्र के माध्यम से लोगों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।