कोरोना महामारी की दो लहरों का सामना करने वाले अमेरिका में इस घातक वायरस का कहर फिर बढ़ रहा है। इस बार डेल्टा वैरिएंट कारण बन रहा है। बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण बढ़ने पर चिंता जताई जा रही है। यहां के बच्चों पर डेल्टा के अलावा रेस्पिरेटरी सीनसीटियल वायरस (आरएसवी) नामक एक और वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। यह बेहद संक्रामक वायरस है। इससे आमतौर पर बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित होते हैं।
जून से ही बढ़ रहे हैं मामले
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के डाटा के अनुसार, देश में आरएसवी के मामले गत जून से लगातार बढ़ रहे हैं। इस वायरस के मामलों में सबसे बड़ी वृद्धि गत माह आई। इस बीमारी के सामान्य लक्षण नाक बहना, खांसी, छींक और बुखार हैं। इस बीच, ह्यूस्टन के टेक्सास चिल्ड्रेंस अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ हीथर हक ने ट्वीट के जरिये बताया कि अस्पतालों में कोरोना और आरएसवी के मामले बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘कई महीने से बच्चों में कोरोना के मामले नहीं मिल रहे थे, लेकिन अब इनके मामलों में उछाल आया है।’
17 साल के तक के बच्चे हो रही संक्रमण के शिकार
उन्होंने बताया, ‘दो हफ्ते के शिशु से लेकर 17 साल के बच्चे तक कोरोना पीडि़त मिल रहे हैं। आरएसवी के साथ कोरोना के मामले बढ़ने से चिंता बढ़ गई है।’ अमेरिका में आरएसवी का प्रकोप ऐसे समय बढ़ रहा है, जब बीते दो हफ्ते में कोरोना संक्रमण में 148 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी 73 फीसद की बढ़ोतरी आई है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के लिए टीकाकरण की धीमी रफ्तार और डेल्टा वैरिएंट को कारण बताया जा रहा है।
अमेरिका में बिगड़ रहे हालात : फासी
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंटोनी फासी ने कहा कि देश में डेल्टा वैरिएंट के चलते हालात बिगड़ रहे हैं। इस वैरिएंट के चलते नए मामलों में तेज उछाल आ रहा है। हालांकि उन्होंने अमेरिका में फिर लाकडालन लगाने की संभावना से इन्कार किया है। फासी कोरोना महामारी पर बाइडन प्रशासन के सलाहकार भी हैं।