डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत लगातार कम हो रही है। बुधवार को यह 40 पैसे कमजोर होकर 20 महीने के निचले स्तर 76.28 पर पहुंच गया। मंगलवार को यह एक डॉलर के सामने 75.95 पर था।
इससे पहले अप्रैल 2020 में रुपया डॉलर की तुलना में इस लेवल पर पहुंचा था। ऐसी उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक रुपया 76.30 तक जा सकता है।
RBI नहीं करेगा हस्तक्षेप
उधर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपए की गिरती कीमत पर कोई कदम नहीं उठाने की सोच रहा है। क्योंकि इससे भारतीय निर्यातकों को फायदा होगा। फायदा इस तरह से होगा कि उनको डॉलर में पेमेंट मिलेगा और उसके सामने यहां पर ज्यादा रुपया मिलेगा। सरकार लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को विशेष इंसेंटिव दे रही है और इसलिए निर्यातकों को रुपया के गिरने का फायदा होगा।
रुपया का 76 तक जाना चिंता का विषय नहीं
हालांकि RBI के लिए डॉलर की तुलना में रुपया का 76 या 76.50 तक जाना कोई चिंता की बात नहीं है। क्योंकि यह उसके रेंज में ही है। यही कारण है कि वह इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। अगर रुपया में इससे ज्यादा गिरावट आती है तो वह इसे रोकने के लिए कदम उठा सकता है। कोटक सिक्योरिटीज ने पिछले हफ्ते कहा था कि रिजर्व बैंक के कदम पर ट्रेडर्स की भी नजर रहेगी।
75 के ऊपर ही बना हुआ है रुपया
रुपया काफी लंबे समय से 75 के ऊपर ही बना हुआ है। विदेशी निवेशकों ने पिछले दो महीने में भारतीय बाजार से करीबन 80 हजार करोड़ रुपए की निकासी की है। इसके साथ ही कुछ बड़ी विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी भारतीय IPO में भी बेची है। इससे रुपए पर असर हो रहा है।
अमेरिका कर सकता है बान्ड की खरीदी
माना जा रहा है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक बान्ड की खरीदी में तेजी लाता है तो इसका सीधा असर रुपए पर भी दिखेगा। इसलिए रुपए की कीमत नीचे जा सकती है। फेडरल रिजर्व बैंक के साथ करीबन 20 देशों के सेंट्रल बैंक इस हफ्ते में अपनी पॉलिसी दरों की समीक्षा करेंगे। ऐसी उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व बैंक 25-30 अरब डॉलर के बॉन्ड खरीद सकता है। इसने नवंबर में 15 अरब डॉलर का बॉन्ड खरीदा था।
फेडरल रिजर्व बैंक जस की तस रख सकता है पॉलिसी
फेडरल रिजर्व बैंक इसी के साथ पॉलिसी की दरों को जस का तस रख सकता है। यूरोजोन के केंद्रीय बैंक, जापान और फिलिपींस, ताइवान और इंडोनेशिया भी अपनी पॉलिसी की दरों को जस का तस रख सकते हैं। डॉलर की तुलना में रुपया सोमवार को 75.77 पर बंद हुआ था। पिछले हफ्ते इसमें 0.8% की गिरावट आई थी। पिछले दो हफ्ते में इसमें 1.3% की गिरावट आई है।